असम सरकार (Assam government) ने ट्रेन और फ्लाइट से राज्य में प्रवेश करने वाले यात्रियों के लिए COVID-19 टेस्ट अनिवार्य कर दिया है, जिन्होंने टीकों की दोनों खुराक लगा ली हैं, उन्हें भी कोरोना का टेस्ट कराना होगा. राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना में उल्लेख किया गया है कि कई उदाहरणों के बाद यह कदम आवश्यक हो गया है, जिसमें टीके की दो खुराक प्राप्त करने वाले व्यक्ति भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.
राज्य सरकार ने 25 जून को उन लोगों को छूट दी थी, जिन्होंने हवाई अड्डों या रेलवे स्टेशनों पर आगमन पर अनिवार्य परीक्षण से कोविड टीकों की दोनों खुराक प्राप्त की हैं. इस अधिसूचना को वापस ले लिया गया है और नई अधिसूचना जारी की गई है.
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असम के करीब सात जिलों में अभी भी कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से अधिक है, हालांकि अभी तक राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट का कोई मामला सामने नहीं आया है. अप्रैल-मई में एनआईवी को भेजे गए असम के 70 प्रतिशत से अधिक नमूनों में डेल्टा वेरिएंट पाया गया था, जिसे दूसरी लहर के दौरान मामले की गिनती को बढ़ाने के लिए एक प्रमुख वेरिएंट के रूप में जाना जाता है.
विशेषज्ञों के अनुसार, पूरी तरह से टीका लगाने वाले व्यक्ति भी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं, लेकिन उनके ठीक होने की संभावना उन लोगों की तुलना में अधिक होती है, जिन्हें टीका नहीं लगाया गया है. साथ ही टीका लगाया गया व्यक्ति असिम्टमैटिक कोरोना कैरियर हो सकता है.
बताते चलें कि असम में अभी तक कोरोना के 5.17 लाख मामले सामने आ चुके हैं. इस महामारी की चपेट में आने से 4,937 लोगों की जान गई है. राज्य में कोविड के 19,000 से ज्यादा एक्टिव मामले हैं. आज (शुक्रवार) जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 1,782 नए मामले सामने आए और 24 लोगों की मौत हुई. पॉजिटिविटी रेट 1.40 फीसदी है.
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