ये कोई तमाशा नहीं हो सकता... सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना फोन टैपिंग मामले में पुलिस को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उन रिपोर्टों पर कड़ी आपत्ति जताई है, जिनमें कहा गया था कि पूछताछ के दौरान कथित तौर पर नेता मौजूद थे. सुप्रीम कोर्ट की पीठ राव की अग्रिम जमानत याचिका और राज्य द्वारा दायर एक अंतरिम संरक्षण याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उनकी अंतरिम सुरक्षा रद्द करने की मांग की गई थी. 

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  • सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना फोन टैपिंग मामले में पूछताछ के दौरान नेताओं की मौजूदगी पर कड़ी आपत्ति जताई है.
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सांसद और विधायक पूछताछ के दौरान दर्शक या जांच का हिस्सा नहीं हो सकते हैं.
  • तेलंगाना की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल एसजी मेहता ने आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे पर हलफनामा दायर करेंगे.
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नई दिल्‍ली :

तेलंगाना फोन टैपिंग मामले में पूछताछ के दौरान नेताओं की मौजूदगी  के आरोपों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस जांच पर सवाल उठाए हैं. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह कोई तमाशा नहीं हो सकता है. सांसद और विधायक पूछताछ के दौरान कैसे मौजूद हो सकते हैं? इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस हाई-प्रोफाइल फोन टैपिंग मामले में मुख्य आरोपी तेलंगाना के पूर्व खुफिया प्रमुख टी प्रभाकर राव की गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की अवधि बढ़ा दी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टी प्रभाकर राव कथित फोन टैपिंग मामले की जांच में सहयोग करते हुए अपना आईक्‍लाउड अकाउंट पासवर्ड रीसेट कर राज्य पुलिस के फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मौजूदगी में उपलब्ध कराएं. 

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उन रिपोर्टों पर कड़ी आपत्ति जताई है, जिनमें कहा गया था कि पूछताछ के दौरान कथित तौर पर नेता मौजूद थे. सुप्रीम कोर्ट की पीठ राव की अग्रिम जमानत याचिका और राज्य द्वारा दायर एक अंतरिम संरक्षण याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उनकी अंतरिम सुरक्षा रद्द करने की मांग की गई थी. 

MP-MLA दर्शक या जांच का हिस्‍सा नहीं हो सकते: SC

राव के वकील डीएस नायडू ने आरोप लगाया कि पूछताछ के दौरान सांसद और विधायक मौजूद थे. इस पर जस्टिस नागरत्ना ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्‍होंने कहा कि यह कोई तमाशा नहीं हो सकता है. सांसद और विधायक कैसे आकर पूछताछ कर सकते हैं? साथ ही कहा कि वे दर्शक या जांच का हिस्सा नहीं हो सकते हैं. 

तेलंगाना की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल एसजी मेहता ने पीठ को आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे पर एक हलफनामा दायर करेंगे. 

पासवर्ड को रिसैट करने के लिए जताई रजामंदी 

सॉलिसिटर जनरल मेहता ने राव पर इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य नष्ट करने और जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाया. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मैं कुछ ऐसे तथ्य पेश करूंगा जो अदालत को चौंका देंगे. राव के वकील डीएस नायडू ने आरोपों से इनकार करते हुए सहयोग करने का दावा किया और कहा कि उन्होंने मेरे निजी आईक्लाउड अकाउंट को छोड़कर मेरे सभी डिवाइस ले लिए हैं. मैं पासवर्ड भूल गया हूं और फोरेंसिक विशेषज्ञों की मौजूदगी में इसे रीसेट करने के लिए राजी हूं. 

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संवेदनशील डेटा के कारण सिस्टम फार्मेटिंग एक "विभागीय प्रोटोकॉल" है. 
 

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