तमिलनाडु में क्रुद्ध भीड़ के हमले के कारण मारे गए सैनिक के परिवार ने नौ हमलावरों के लिए मौत की सजा की मांग की है. परिजनों का यह भी कहना है कि सीएम एमके स्टालिन को आकर उनसे मिलना चाहिए. हालांकि इस मामले में केस दर्ज किया गया है और एक डीएमके पार्षद सहित नौ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है लेकिन मुआवजे की घोषणा नहीं की गई है, न ही सत्तारूढ़ डीएमके के किसी नेता ने परिवार से मुलाकात की है. सैनिक के पिता मदैय्या ने कहा, "मेरा बेटा केवल 28 साल का था और उसके दो बच्चे हैं. उनके भविष्य का क्या होगा. सभी नौ (आरोपियों) को मरना चाहिए. किसी को भी रिहा नहीं किया जाना चाहिए. उन्हें मौत की सजा मिलनी चाहिए."
गौरतलब है कि प्रभु एम का तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में 8 फरवरी को एक सार्वजनिक टैंक में कपड़े धोने को लेकर डीएमके पार्षद के साथ बहस हुई थी. जल्द ही मामले ने बड़ा रूप ले लिया और पार्षद चिन्नास्वामी, उसके बेटों, रिश्तेदारों और समर्थकों ने लोहे की छड़ों, चाकुओं और धारदार हथियारों ने सैनिक और उसके भाई पर हमला बोल दिया था. हमले में प्रभु और उसका भाई प्रभाकर घायल हुआ था. प्रभु को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां मंगलवार को उसकी भौत हो गई. हमले में प्रभाकर को गंभीर चोटें आई थीं, उसे अस्पताल में भाई के अंतिम संस्कार के लिए छुट्टी दी गई थी. अपने दोनों नवजात को गोद में लिए प्रभु की पत्नी पुनिता प्रभु ने कहा, "वह चाहती हैं कि सीएम स्टालिन आएं और उनसे मिलें." उन्होंने कहा, "डीएमके पार्षद चिन्नस्वामी के बेटे ने मेरे पति को घर से बाहर घसीटा. जमीन पर पटका और गले पर वार किया. चिन्नास्वामी का बेटा, जो पुलिसकर्मी है, ने पति को चुनौती देते हुए कहा था कि वह अगले दिन काम पर कैसे जा पाएगा." उन्होंने कहा, "डीएमके की ओर से कोई भी हमारे यहां नहीं आया है. सीएम को हमारी मदद करनी चाहिए."
प्रभाकर की पत्नी प्रिया ने भी कहा, "उन्हें मौत की सजा दी जानी चाहिए. हमें अब डर लग रहा है. मेरे पति धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं, उन्हें अंदरूनी चोटें आई हैं...हमारे जीवन की क्या गारंटी है." इस मामले में छह आरोपियों को घटना के अगले दिन 9 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था जबकि डीएमके पार्षद सहित तीन अन्य को बुधवार को गिरफ्तार किया गया.
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