- धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि विपक्ष SIR का विरोध राजनीतिक लाभ के लिए कर रहा है, यह दशकों से लागू व्यवस्था है.
- धर्मेंद्र प्रधान ने चुनाव आयोग की SIR प्रणाली पर विपक्ष के विरोध को निंदनीय और चिंता का विषय बताया है.
- उन्होंने कहा कि विपक्ष का SIR विरोध तुष्टिकरण की राजनीति का बेशर्म प्रदर्शन है. इसका कोई तार्किक उत्तर नहीं.
बिहार में SIR के विरोध को लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan On SIR) ने विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि विपक्ष इसका मजाक उड़ा रहा है. एसआईआर का विरोध विपक्ष सिर्फ अपने राजनीतिक फायदे के मकसद से कर रहा है. वरना तो ये व्यवस्था दशकों से देश में लागू है. चुनाव आयोग की इस व्यवस्था का विरोध बहुत ही चिंता की बात है. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि SIR हमारे देश के चुनाव आयोग की एक व्यवस्था है. दशकों से ये व्यवस्था देश में लागू है. अपने राजनीतिक पैतरेबाजी और सुविधा के लिए राजनीतिक उद्देश्य से लोग इसका विरोध कर रहे हैं. ये बहुत ही चिंता की बात और निंदनीय है.
SIR को लेकर विपक्ष पर बरसे धर्मेंद्र प्रधान
SIR पर विपक्ष की चर्चा की मांग पर उन्होंने कहा कि किस पर चर्चा करना चाहते हैं, क्या चुनाव आयोग पर. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पर लोकसभा क्या चर्चा कर सकती है, क्या हम यहां सुप्रीम कोर्ट पर चर्चा करते हैं. उन्होंने कहा कि जिनको मूल संविधान की समझ ही नहीं है, इस तरह के कुतर्क का कोई उत्तर नहीं है. SIR पर विपक्ष के विरोध को उन्होंने तुष्टिकरण की राजनीति का बेशर्म प्रदर्शन करार दिया.
SIR पर विपक्षी सांसदों का विरोध-प्रदर्शन
बता दें कि एसआईआर के खिलाफ संसद के मॉनसून सत्र में भी विपक्ष का विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. इंडिया गठबंधन के कई घटक दलों के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का विरोध करते हुए बुधवार को संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया. संसद के ‘मकर द्वार' के पास आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और कई अन्य दलों के सांसद शामिल हुए.
विपक्षी सांसदों ने एक बड़ा बैनर भी ले रखा था, जिस पर ‘एसआईआर- लोकतंत्र पर वार' लिखा हुआ था. उन्होंने ‘एसआईआर वापस लो' के नारे भी लगाए. विपक्षी सांसदों की मांग है कि इस विषय पर संसद में चर्चा होनी चाहिए.