"हिंदू धर्म की उत्पत्ति पर ही प्रश्न चिन्ह है.." : कर्नाटक के मंत्री जी परमेश्वर

स्टालिन ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया और कहा कि वो किसी भी मामले का सामना करने के लिए तैयार हैं. उनका तर्क था कि उन्होंने उत्पीड़ित और हाशिए पर पड़े लोगों की ओर से बात की, जो सनातन धर्म के कारण पीड़ित हैं.

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कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर.
बेंगलुरू:

तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की 'सनातन धर्म' पर  टिप्पणी को लेकर विवाद के बीच कर्नाटक के एक मंत्री ने हिंदू धर्म की उत्पत्ति पर ही सवाल खड़े कर दिए. मंगलवार को तुमकुर जिले में शिक्षक दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि कोई नहीं जानता कि हिंदू धर्म का जन्म कब हुआ और किसने इसे जन्म दिया.

परमेश्वर ने कहा, "विश्व इतिहास कई धर्मों के उद्भव को दर्शाता है. लेकिन कोई नहीं जानता कि हिंदू धर्म का जन्म कब हुआ और किसने हिंदू धर्म को जन्म दिया. प्रश्न चिह्न अभी भी बना हुआ है. किसी ने भी इस पर प्रश्न चिह्न नहीं हटाया है."

उन्होंने कहा, "बौद्ध धर्म यहीं पैदा हुआ, जैन धर्म यहीं पैदा हुआ और इस्लाम और ईसाई धर्म बाहर से इस देश में आए. सभी धर्म मानव जाति के लिए अच्छा करने की बात करते हैं."

उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ एफआईआर दर्ज
इस बीच, उत्तर प्रदेश के रामपुर में कथित तौर पर धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के आरोप में उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इसमें कर्नाटक के एक अन्य मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खड़गे का भी नाम है.

शिकायत दो वकीलों द्वारा दायर की गई थी जिन्होंने दावा किया कि उदयनिधि की टिप्पणियों ने उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत किया है.

स्टालिन की टिप्पणी से आक्रोश फैलने के बाद, प्रियांक खरगे ने कहा था कि कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता है, वो धर्म नहीं है, एक बीमारी के समान है. उन्होंने कहा था, "कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता, कोई भी धर्म जो ये सुनिश्चित नहीं करता कि आपको इंसान होने का सम्मान मिले, वो मेरे अनुसार धर्म नहीं है. इसलिए ये एक बीमारी के समान है."

इधर स्टालिन ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया और कहा कि वो किसी भी मामले का सामना करने के लिए तैयार हैं. उनका तर्क था कि उन्होंने उत्पीड़ित और हाशिए पर पड़े लोगों की ओर से बात की, जो सनातन धर्म के कारण पीड़ित हैं.

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स्टालिन ने कहा-  मैं अपने बयान पर कायम
मंगलवार को स्टालिन ने अपने रुख से पीछे हटने से फिर से इनकार कर दिया और कहा कि केंद्र द्वारा नई संसद के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं करना सनातन जाति भेदभाव का एक उदाहरण है.

बीजेपी ने तमिलनाडु के मंत्री की टिप्पणियों की निंदा की है और इसे 'नरसंहार के आह्वान' के समान बताया है. उन्होंने इस आरोप का दृढ़ता से खंडन किया.

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