सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मध्यस्थ न्यायाधिकरण/अदालत द्वारा दिए गए मुआवजे के आदेश को क्रियान्वित करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत दायर याचिकाओं पर विचार करने संबंधी हाई कोर्टो की कार्रवाई को बुधवार को नामंजूर कर दिया. न्यायमूर्ति एम आर शाह (Justice M R Shah) और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्न की पीठ ने कहा कि अगर उच्च न्यायालय स्वयं को निष्पादन अदालत में तब्दील कर लेंगे और अनुच्छेद-226 के तहत दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे तो ऐसे मामलों की बाढ़ आ जाएगी.
पीठ ने कहा, ‘‘हम संविधान के अनुच्छेद-226 के तहत दायर रिट याचिकाओं को सुनवाई के लिए स्वीकार करने के फैसले को नामंजूर करते हैं, जो मध्यस्थ न्यायाधिकरण/अदालत द्वारा जारी मुआवजा आदेश को क्रियान्वित करने के लिए है.''शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी बंबई उच्च न्यायालय के आदेश में संशोधन करते हुए की. उच्च न्यायालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को मध्यस्थ न्यायाधिकरण द्वारा वास्तविक भू स्वामी के लिए तय मुआवजे की पूरी राशि जमा कराने का निर्देश दिया था.