राज्यसभा चुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस ने अपने विधायकों को रिसॉर्ट में जुटाना शुरू किया, निर्दलियों से भी बातचीत जारी

बसपा की राजस्थान इकाई ने मांग की है कि उसके टिकट पर चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों को इन चुनाव में भाग लेने से रोका जाए.

विज्ञापन
Read Time: 27 mins

राज्य से राज्यसभा की चार सीटों के लिए अब कुल पांच प्रत्याशी मैदान में हैं

जयपुर:

राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों के लिए चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक गतिविधियां जोर पकड़ती जा रही हैं. राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपने व अपने समर्थक विधायकों को उदयपुर भेजने का फैसला किया है. वहीं बसपा की राजस्थान इकाई ने मांग की है कि उसके टिकट पर चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों को इन चुनाव में भाग लेने से रोका जाए.

राज्य से राज्यसभा की चार सीटों के लिए अब कुल पांच प्रत्याशी मैदान में हैं जिनमें कांग्रेस के तीन, भाजपा का एक व एक निर्दलीय उम्मीदवार है. मतदान 10 जून को होगा. कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने बुधवार को यहां बताया कि सभी विधायकों को उदयपुर पहुंचने के लिये कहा गया है. कुछ विधायक आज ही उदयपुर के लिए रवाना हो रहे हैं जबकि कुछ बृहस्पतिवार को जाएंगे. कांग्रेस के साथ-साथ कांग्रेस सरकार का समर्थन कर रहे निर्दलीय व अन्य विधायक भी उदयपुर जा रहे हैं. ये विधायक उदयपुर के उसी होटल में रुकेंगे जहां पिछले महीने कांग्रेस का नव संकल्प चिंतन शिविर हुआ था.

कांग्रेस ने राज्यसभा से पहले अपने विधायकों को एक जगह रखने का फैसला मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा के निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद आया है. चंद्रा वर्तमान में हरियाणा से राज्यसभा के सदस्य हैं और उनका कार्यकाल एक अगस्त को समाप्त होने जा रहा है. इस चुनाव में भाजपा उनका समर्थन कर रही है.

कांग्रेस ने मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी और रणदीप सिंह सुरजेवाला को मैदान में उतारा है जबकि भाजपा ने पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी को उम्मीदवार बनाया है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को निर्दलीय उम्मीदवार चंद्रा को समर्थन देने के भाजपा के कदम को ‘खेल' बताते हुए कहा था कि पार्टी खरीद फरोख्त में शामिल होना चाहती है.

संख्या बल के हिसाब से राजस्थान की 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस अपने 108 विधायकों के साथ दो सीटें व भाजपा 71 विधायकों के साथ एक सीट आराम से जीत सकती है. दो सीटों के बाद कांग्रेस के पास 26 अधिशेष व भाजपा के पास 30 अधिशेष वोट होंगे. एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 41 वोट चाहिए.

Advertisement

सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद है कि सरकार का समर्थन कर रहे अन्य दलों के विधायकों व निर्दलीय विधायकों के समर्थन से वह तीसरी सीट जीत जाएगी. गहलोत व कांग्रेस के उम्मीदवारों ने राज्य के 13 में से 10 निर्दलीय विधायकों से मंगलवार को मुलाकात की थी.
वहीं भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त (हार्स ट्रेडिंग) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोप पर पलटवार करते हुए राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने बुधवार को कहा कि गहलोत खुद ‘एलिफेंट ट्रेडिंग' में माहिर हैं. उन्होंने कहा कि गहलोत ने मुख्यमंत्री रहते हुए बहुजन समाज पार्टी के विधायकों को दो बार कांग्रेस में लेकर आये.

राठौड़ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा द्वारा ‘हार्स ट्रेडिंग' की बात कर रहे हैं ... वे दो बार में पूरी ‘एलिफेंट ट्रेडिंग' ही नहीं पूरे हाथी को निगल गये और आज हमें शिक्षा दे रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए दो बार बहुजन समाज पार्टी के विधायकों को तोड़कर राजस्थान में पूरी बसपा को निगलने का काम किया है.''
उल्लेखनीय है कि बसपा की टिकट से जीते सभी छह विधायक 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे. इससे पूर्व 2009 में गहलोत के कार्यकाल के दौरान बसपा के सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गये थे.

Advertisement

राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने विधायकों को बाड़ाबंदी एक जगह रखने का रिकार्ड बनाया है. उन्हें किस बात का डर है?

इधर, बसपा की राज्य इकाई ने राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों को चुनाव में भाग लेने से रोकने की मांग की है. बसपा के प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने राज्यपाल कलराज मिश्र और विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी को पत्र लिखकर मांग की है कि कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों को चुनाव में भाग लेने से रोक दिया जाये.
बसपा ने पत्र में कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा के चुनाव चिह्न पर जीतने वाले छह विधायकों का असंवैधानिक रूप से कांग्रेस पार्टी में विलय हो गया. उन्होंने कहा कि इन सभी विधायकों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दलबदल विरोधी कानून के तहत मामला चल रहा है जिस पर जल्द फैसला होने वाला है.

Advertisement

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि छह विधायकों का कांग्रेस में विलय हो गया था और अब वे कांग्रेस के विधायक हैं. उन्होंने कहा, ‘‘उनका कांग्रेस में विलय हो गया है और अब वे कांग्रेस विधायक है.''

बसपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने वाले छह विधायक राजेन्द्र गुढा, लखन मीणा, दीपचंद खेरिया, संदीप यादव, जोगिंदर अवाना और वाजिब अली सितंबर 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे.

Advertisement

वहीं राज्यसभा के लिए निर्दलीय उम्मीदवार मनोज कुमार जोशी का नामांकन बुधवार को जांच में खारिज हो गया है. अधिकारियों के अनुसार नामांकन को अपूर्ण मानते हुए खारिज किया गया है. अब चार सीटों के लिए कांग्रेस के तीन, भाजपा का एक व एक निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं. उम्मीदवार तीन जून तक नाम वापस ले सकते हैं और आवश्यक होने पर मतदान 10 जून को होगा.

यह भी पढ़ें
राज्यसभा चुनाव : भूपेश बघेल का बीजेपी को जवाब- छत्तीसगढ़ के लिए अलग, यूपी के लिए अलग नजरिया!
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता ने पार्टी के राज्यसभा टिकट के फैसले के विरोध में छोड़ दिया पद
Rajya Sabha Election 2022: यूपी से बीजेपी के 8 प्रत्याशियों ने दाखिल किया नामांकन, CM योगी भी रहे मौजूद

राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए किसकी राह आसान और किसकी कठिन? जानिए पूरा सियासी समीकरण

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Topics mentioned in this article