मुंबई के आरे वन क्षेत्र में पेड़ काटे जाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. आरे जंगल 1,800 एकड़ क्षेत्र है जिसे अक्सर मुंबई ग्रीन फेफड़ा कहा जाता है. कोर्ट इस पूरे मामले पर जल्द ही सुनवाई कर सकती है. इस मामले की सुनवाई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ करेगी. हालांकि, अभी तक सुनवाई की तारीख तय नहीं हो पाई है. इन सब के बीच CJI एनवी रमना को याचिकाकर्ता की वकील अनीता शेनॉय ने आरे में पेड़ काटने की जानकारी दी. अनीता ने CJI से कहा कि आरे में हर दिन बगैर किसी रोकटोक के पेड़ काटे जा रहे हैं. याचिकाकर्ता अनीता ने इस मामले में कोर्ट से जल्द ही सुनवाई करने की मांग की है. इस मांग पर CJI ने कहा कि जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच सुनवाई करेगी.
दरअसल, 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने ऋषभ रंजन जो कानून के छात्र थे, द्वारा लिखे गए एक पत्र का संज्ञान लिया था, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश से आरे में पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने के लिए निर्देश जारी करने और इसे एक जनहित याचिका में बदलने का आग्रह किया गया था. बता दें कि कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे मेट्रो कार शेड के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आरे पहुंचे थे. उन्होंने इस दौरान प्रदर्शन की अगुवाई भी की थी. आदित्य ठाकरे ने कहा था कि ये मुंबई के लिए लड़ाई है, इसे जिंदा रहने की लड़ाई भी कह सकते हैं. हम यहां सिर्फ जंगल के लिए लड़ रहे हैं क्योंकि हम अपने आदिवासियों को बचाना चाहते हैं. जब तक हम यहां हैं, एक भी पड़े उखाड़ने नहीं देंगे.
उन्होंने आगे कहा था कि महाराष्ट्र की सरकार हमसे गुस्सा है, उसे इस शहर पर ना निकालें. जंगल और पर्यावरण को बचाने की जरूरत है. बता दें कि राज्य में बनी एकनाथ शिंदे की सरकार ने सत्ता में आते ही मेट्रो शेड बनाने के लिए आरे जंगल से पेड़ों की कटाई को फिर से शुरू करने की बात कही थी. सरकार के इस फैसले के बाद ही स्थानीय लोग और पर्यावरण संरक्षक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
प्रदर्शन के दौरान लोगों ने पोस्टर की मदद से नई सरकार के उस फैसले का विरोध किया, जिसके तहत मेट्रो कार शेड का निर्माण एक बार फिर आरे जंगल क्षेत्र में कराने की बात कही गई थी. ध्यान हो कि आदित्य ठाकरे ने आरे मेट्रो कारशेड परियोजना को हरी झंदी नहीं देने की राज्य के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से अपील की थी. उन्होंने ट्वीट किया था कि, "मैं नम्रतापूर्वक नई सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करता हूं. हमारे प्रति अपने नफरत को हमारे प्रिय मुंबई पर मत निकालो." ये ट्वीट उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर के चुनाव के लिए आयोजित दो दिवसीय विशेष सत्र में शामिल होने से पहले किया था.