रोहिणी कोर्ट में गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या में शामिल मुख्य गैंगस्टर गिरफ्तार, नेपाली कोड नेम का रहस्य भी सुलझा

बीते साल रोहिणी कोर्ट शूटआउट में मारे गए गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या के मामले में नवीन मुख्य आरोपी है. उस पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था.

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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कुख्यात गैंगस्टर नवीन उर्फ भांजा उर्फ विक्की को गिरफ्तार कर लिया है.
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कुख्यात गैंगस्टर नवीन उर्फ भांजा उर्फ विक्की को गिरफ्तार कर लिया है. बीते साल रोहिणी कोर्ट शूटआउट में मारे गए गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या के मामले में नवीन मुख्य आरोपी है. उस पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था. स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव के मुताबिक उनकी टीम को सूचना मिली कि नीरज बवानिया गैंग का गैंगस्टर और शार्प शूटर नवीन उर्फ ​​भांजा उर्फ ​​विक्की जो हत्या, डकैती, फिरौती आदि के कई मामलों में शामिल है वो 22 और 23 जनवरी 2022 की दरम्यानी रात को मेरठ-मुजफ्फरनगर टोल गेट पर आने वाला है. पुलिस ने वहां अपना जाल बिछाया. पुलिस टीम टीम ने देखा कि एक शख्स होंडा सिटी कार से मुजफ्फर नगर की तरफ से आ रहा है.

पुलिस ने जब कार रोकने की कोशिश की तो कार टोल प्लाजा के पास रुकी और यू-टर्न लेने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने रास्ता रोक दिया और कार सवार शख्स नवीन पकड़ा गया. आरोपी नवीन ने खुलासा किया है कि वह 2011 में नीरज बवानिया गैंग में शामिल हुआ और उसका शार्प शूटर बन गया. 2011 में उसने नीरज बवानिया और दूसरे बादमाशों के साथ उनके विरोधी गैंगस्टर करतार पर कई गोलियां चलाईं, लेकिन वह बच गया और रोहतक में उनके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया.

इसके बाद उसे दिल्ली पुलिस ने आर्म्स एक्ट के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया और बाद में उन्हें हरियाणा पुलिस ने भी हत्या की कोशिश के मामले में गिरफ्तार कर लिया. 2012 में जेल से रिहा होने के बाद वो वह नीरज बवानिया का करीबी और भरोसेमंद सहयोगी बन गया. दिल्ली, यूपी और हरियाणा में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए नीतू दाबोदिया के गिरोह को खत्म करना चाहता था, लेकिन पुलिस कार्रवाई में नीतू की मौत हो गई.

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नीतू की मौत के बाद उसका साथी प्रदीप दहिया गिरोह चलाने लगा और सरगना बन गया. नवीन ने बताया कि 2014 में इन दो गिरोहों के बीच गोलीबारी हुई थी, जिसमें वह और उसके साथी नीरज बवानिया, मोनू, अशोक, रघु, पंकज और अरविंद शामिल थे. उन्होंने विरोधी गिरोह के सरगना प्रदीप दहिया और उसके सहयोगी अनिल उर्फ लीला को गोली मार दी. जबकि उनके एक सहयोगी अंशुल को भी गोली लगी. इस घटना के लगभग दो महीने बाद, उसने दिनेश उर्फ ​​तापा और दीपक के साथ मिलकर हरियाणा के रोहतक के शिवाजी कॉलोनी स्थित अपने घर में कृष्ण नाम के शख्स पर गोलियां चलाईं, लेकिन वह बच गया.

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नवीन ने बताया कि नीरज बवानिया और गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी की हत्या में शामिल सुनील राठी दोनों अच्छे दोस्त हैं. सुनील राठी के कहने पर नीरज बवानिया ने गैंगस्टर अमित भूरा को उत्तराखंड पुलिस की हिरासत से छुड़ाने का वादा किया. 15 दिसबंर 2014 को अमित भूरा के बागपत से पुलिस हिरासत से भागने की घटना से पहले, अमित भूरा को पुलिस हिरासत से छुड़ाने के दो प्रयास आरोपी नवीन भांजा, सचिन खोकर, दिनेश उर्फ ​​तापा, रवि और लड्डू द्वारा किए गए, लेकिन असफल रहे.

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14 दिसम्बर 2014 की शाम को नीरज बवानिया ने नवीन भांजा, दिनेश उर्फ ​​तापा सहित अपने गिरोह के सदस्यों की बैठक की और अमित भूरा को पुलिस हिरासत से भगाने के लिए एक योजना बनाई. कमरुद्दीन नगर में पूर्व एमएलए रामबीर शौकीन और नवीन भांजा को इस काम की देखरेख का काम दिया गया. 15 दिसम्बर 2014 को नवीन भांजा, दिनेश और दूसरे बदमाशों के साथ स्कॉर्पियो कार से टटेरी मंडी रेलवे स्टेशन पहुंचे.

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योजना के मुताबिक दिनेश और रवि उसी ऑटो रिक्शा में सवार हुए जिसमें अमित भूरा को उत्तराखंड पुलिस बागपत कोर्ट ले जा रही थी. जैसे ही उनकी गाड़ी ने ओवरटेक कर उस ऑटो रिक्शा को टक्कर मार दी, दिनेश उर्फ ​​तापा और रवि ने पुलिस गार्ड पर चिल्ली स्प्रे फेंका और नवीन भांजा व अन्य ने हवा में फायरिंग कर दी. उन्होंने न केवल गैंगस्टर अमित भूरा को पुलिस हिरासत से बचाया बल्कि पुलिस की दो एके-47 राइफल और एक एसएलआर राइफल भी लूट ली.

आरोपी नवीन हुड्डा उर्फ ​​भांजा को कोर्ट ने एक मामले में से 30 मई 2020 को 45 दिनों के लिए अंतरिम जमानत दी, लेकिन उसके बाद वो वापस जेल नहीं लौटा. आरोपी नवीन उर्फ ​​भांजा गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ ​​गोगी हत्या के मामले में अहम खिलाड़ी रहा है, जिसमें रोहिणी कोर्ट परिसर में जितेंद्र गोगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जुलाई 2021 में राजधानी की मंडोली जेल के अंदर से इस वारदात की योजना बननी शुरू हुई.

नवीन ने बताया कि मैं और जेल में बंद गैंगस्टर सुनील बाल्यान उर्फ ​​टिल्लू ताजपुरिया इस मामले के मुख्य साजिशकर्ता है. चूंकि नवीन उर्फ ​​भांजा पैरोल कूदने के बाद ज्यादातर समय नेपाल में ही रहता था, इसलिए उसके साथी उसे नेपाली कहकर बुलाते थे. गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ ​​गोगी की 24 सितंबर को टिल्लू गैंग के दो हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. उसे रोहिणी कोर्ट में सुनवाई के दौरान पेश किया गया था. 

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योजना के अनुसार नवीन ने टिल्लू ताजपुरिया के संपर्क से हथियार खरीदे, जो गोगी की हत्या करने के लिए शूटरों को दिए गए और वकीलों की वेशभूषा में उन्हें रोहिणी कोर्ट पहुंचाया. हालांकि, दो हमलावरों, जगदीप सिंह उर्फ ​​जग्गा और राहुल को दिल्ली पुलिस के जवानों ने मौके पर ही मार गिराया. आरोपी नवीन और नवीन बाली (वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद) ने भी बहादुरगढ़ के पूर्व सरपंच सुरेंद्र गुल्लर को मारने की साजिश रची, क्योंकि उनका मानना ​​था कि सुरेंद्र गुल्लर विरोधी गिरोह के सदस्य अशोक प्रधान की मदद कर रहा है. इसलिए जुलाई 2021 में सुरेंद्र गुल्लर को इसी गैंग के ने मार डाला. 

जांच में आगे पता चला है कि नवीन गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ विरोधी गैंगस्टर अशोक प्रधान (वर्तमान में भोंडसी जेल में बंद) को निशाना बनाने की योजना बना रहा था. नवीन उर्फ ​​भांजा ने खुलासा किया कि गैंग कोर्ट की तारीख में पुलिस हिरासत में अशोक प्रधान को खत्म करने की योजना बना रहा था. जमानत मिलने के बाद आरोपी नेपाल, रुद्रपुर, हिमाचल, दिल्ली और यूपी में कई जगहों पर छिपा हुआ है. 

आरोपी नवीन ने 12वीं तक पढ़ाई की और पढ़ाई छोड़कर प्रॉपर्टी डीलर का काम करने लगा. उसने अपने मामा दलजीत राणा निवासी घेवरा, दिल्ली के सहयोग से क्रिकेट मैचों में सट्टा-जुआ भी शुरू किया. वह बचपन से ही घेवरा में अपने मामा संजय राणा के साथ रहा, इसलिए उसे आमतौर पर "भांजा" कहा जाता है.

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