ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, मास्टमाइंड चलाता था कोचिंग सेंटर

ये गिरोह सोशल मीडिया पर जरूरतमंद लोगों को  ऑक्सीजन सिलेंडर मौहैया करने के बहाने फसाता था और बाद में सिलेंडर की जल्द डिलीवरी देने का झूठा आश्वासन देकर उनसे पैसे ऐंठता था.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
गिरोह का मास्टरमाइंड बिहार के नालंदा का रहने वाला और कोचिंग सेंटर चलाता है
नई दिल्ली:

दिल्ली की स्पेशल सेल साइबर क्राइम यूनिट (Cyber crime unit) ने कोविड -19 (Covid -19) महामारी के दौरान जरूरतमंद मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen Cylinder) की बिक्री के बहाने ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया है. ये गिरोह सोशल मीडिया पर जरूरतमंद लोगों को  ऑक्सीजन सिलेंडर मौहैया करने के बहाने फसाता था और बाद में सिलेंडर की जल्द डिलीवरी देने का झूठा आश्वासन देकर उनसे पैसे ऐंठता था. आसल में ये लोग सोशल मीडिया प्सेटफार्मस् पर अपने मोबाइल नम्बर सरकुसेट करते थे और जरूरतमंद लोगों को फंसाते थे.

मामले में अब तक कुल 9 आरोपी गिरफ्तार किये जा चके हैं जबकि एक आरोपी को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया है. इस  गिरोह के मास्टरमाइंड को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को नाम कमल कांत सिन्हा है जो बिहार के नालंदा का रहने वाला है. उसने पीजी किया हुआ है और कोचिंग सेंटर चलाता है, उसके पास एमसीए की डिग्री भी है.

फ़र्ज़ी वेबसाइट, ऐप बनाकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 12 लोग गिरफ्तार

साइबर क्राइम यूनिट के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के मुताबिक विनोद कुमार नाम के एक शख्स ने शिकायत की थी उसने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी COVID-19 से पीड़ित थीं और उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता थी क्योंकि उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी, विनोद ने  सोशल मीडिया से मिले एक मोबाइल नम्बर पर फोन किया, फोन के रिसीवर ने उन्हें एसबीआई के एक बैंक खाते में रुपये जमा करने के लिए कहा और ऑक्सीजन सिलेंडर की जल्द डिलीवरी का आश्वासन दिया. इसके बाद विनोद ने इस खाते में पैसा जमा कर दिया. लेकिन विनोद को न तो ऑक्सीजन सिलेंडर मिला और न ही पैसा वापस किये गये.

Advertisement

शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया.मोबाइल फोन नंबरों और बैंक खातों की जांच के बाद 3 आरोपियों की पहचान हुई है, उन्हें बिहार के अलग अलग जिलों से गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ के दौरान, ये पता चला कि उनके खिलाफ स्पेशल सेल में धोखाधड़ी का एक मामला पहले से दर्ज है, उन्से लगातार पूछताछ से मालूम हुआ कि गिरोह संगठित तरीके से काम कर रहा था और उसके अलग-अलग मॉड्यूल थे. गिरफ्तार लोगों से मिली सूचना के आधार पर 6 और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया जो असल में पश्चिम बंगाल और बिहार के निवासी हैं. 

Advertisement

सोशल मीडिया के जरिए अवैध हथियार बेचने वाले गिरोह का भांडाफोड़

पुलिस के मुताबिक इस गिरोह में अलग अलग मॉड्यूल है, गिरोह का मास्टरमाइंड  सभी मॉड्यूल के संपर्क में रहता था. सोशल मीडिया मॉड्यूल अपने फोन नंबरों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक फैलाने के लिये लोगों से कहता था कि वो ऑक्सीजन सिलेंडर की होम डिलीवरी करते हैं. दूसरा मॉड्यूल टेली कॉलर का हैं और जो ग्राहकों से बात करते थे, तीसरा मॉड्यूल उन लोगों का है जो ठगी के पैसों को अलग अलग खातों में जमा करवाते थे, चौथा मॉड्यूल उन लोगों का है जो कमीशन के आधार पर काम करते हैं और जमा की गई राशि के 10% कमीशन पर, गरीबों से खाते की खरीद करते थे. 

Advertisement

इसके अलावा ये गिरोह गरीब तपके के लोग को पैसे का लालच देकर कमीशन बेस पर ठगी का पैसा उनके खाते में जमा करवाता था.  जिसके बदले उन्हें कमीशन मिलता था. इतना ही नही, गैंग से जुड़े कुछ लोग फर्जी आईडी पर फर्जी तरीके से सिम कार्ड मुहैया भी कराते हैं. मामले की आगे की जांच जारी है.

Advertisement

बैंक की फर्जी वेबसाइट और एप के जरिये ठगी करने वाले 12 बदमाश गिरफ्तार, 4000 लोगों से की ठगी

Featured Video Of The Day
UPPSC Student Protest: RO-ARO की परीक्षा स्थगित, पुराने पैटर्न पर ही होगी PCS की प्रीलिम्स परीक्षा
Topics mentioned in this article