महाराष्ट्र फिर से कोविड हॉटस्पॉट है लेकिन पिछली लहर की तुलना में ऑक्सिजन की डिमांड 80% घटी है. मुंबई के सरकारी-निजी अस्पतालों के अब तक 21% कोविड बेड ही भरे हैं, लेकिन कोविड टास्क फोर्स का कहना है कि मामलों में तेजी के करीब दो हफ्तों के बाद ही अस्पतालों में भर्ती होने और आईसीयू-वेंटिलेटर बेड की डिमांड बढ़ती है इसलिए आने वाला हफ्ता अहम है. करीब तीन हफ्ते पहले 20 दिसंबर को कोविड बेड खाली पड़े थे, लेकिन मौजूदा समय में मुंबई के बीकेसी जंबो सेंटर में 37% कोविड बेड भर गए हैं. मुंबई शहर में फिलहाल 1,17,437 ऐक्टिव मरीज हैं, और इनमें से केवल 7,432 मरीज ही अस्पताल में भर्ती हैं यानी महज 6.32%. सरकारी-निजी मिलाकर कुल 34,960 कोविड बेड में 21% बेड पर मरीज भर्ती हैं.
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राज्य में पिछली लहर में करीब 2000 MT ऑक्सिजन की डिमांड पहुंची थी, फिलहाल यह करीब 350 MT पर है. बीकेसी कोविड जंबो सेंटर के डीन डॉ राजेश डेरे ने बताया, "एक जनवरी से हमने 2428 कोविड बेड शुरू किए, अभी 900+ मरीज भर्ती हैं, लेकिन कोई भी ICU में नहीं है. करीब 250 मरीज ऑक्सिजन बेड पर हैं, लेकिन वो भी बिल्कुल स्थिर हैं. कंडिशन एकदम ठीक है BMC की पूरी तैयारी है और डरने की जरूरत नहीं है."
हालांकि महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स का कहना है की अमूमन मामलों में तेजी के करीब दो हफ्तों के बाद ही अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती है, इसलिए आने वाला हफ्ता शहर और राज्य के लिए अहम है!
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महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स,फोर्टिस के सदस्य डॉ राहुल पंडित ने कहा,‘'इस हफ्ते के आंकड़ों को देखकर हमें समझ में आएगा की क्या ICU और ऑक्सिजन बेड की रिक्वायअर्मेंट बढ़ेगी क्योंकि करीब करीब दो हफ्तों के बाद ही अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में बढ़त दिखती है. तो हमें अगला हफ्ता बारीकी से देखना और स्टडी करना होगा.
टेस्टिंग और पाबंदियां बढ़ने के बीच मरीजों की संख्या भी बढ़ी है, लेकिन 90% से ज्यादा कोविड मरीज बिना लक्षण वाले हैं. ऑक्सिजन-दवा-बेड की कोई किल्लत नहीं है, ये आंकड़े राहत पहुंचाते हैं.
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