कोरोना महामारी (Coronavirus pandemic) के दो साल बाद एक बार फिर कांवड़ यात्रा (kanwar yatra) शुरू हुई है. इस बार कांवड़ यात्रा में आतंकी हमले (Terrorist attacks) के खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश-दिल्ली से हरिद्वार तक सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गये हैं. उत्तर प्रदेश से हरिद्वार के बीच पड़ने वाले गाजियाबाद, हापुड़ और मेरठ के बीच कई रास्तों को बंद कर दिया गया है. इस रूट पर आसमान से लेकर जमीन तक कड़ी निगरानी रखी जा रही है. सरकार ने जगह- जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. इन शहरों में करीब सभी मीट की दुकानों पर ताला लगा दिया गया है. वहीं शराब की दुकानों को तिरपाल लगाकर ढक दिया गया है.
मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी समेत सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया गया है. मेरठ के कई रास्तों को डायवर्ट कर दिया गया है. बता दें कि हर साल सावन के महीने में लाखों कांवड़िए गंगा जल लेने हरिद्वार आते हैं और महाशिवरात्रि के दिन उस गंगा जल को अपने शहर या गांव के शिवालय में ले जाकर चढ़ाते हैं. इस बार दो साल बाद यह कांवड़ यात्रा हो रही है, जिसको लेकर प्रशासन ने खास तैयारियां कर रखी हैं. इस साल हरिद्वार में करोड़ कांवड़िए श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है.
ट्रैफिक को लेकर तीन जिलों की पुलिस हाई अलर्ट पर
गाजियाबाद के एसपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि गाजियाबाद को चार सेक्टरों में बांटा गया है, दर्जनों सीसीटीवी लगाकर हम निगरानी कर रहे हैं. LIU को अलर्ट पर रखा गया है. मेरठ,गाजियाबाद. दिल्ली, हापुड़ में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त दिया गया है. कांवड़ियों को आन-जाने में कोई समस्या न हो इसके लिए अलग रूट बनाये गये हैं.
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कांवड़ यात्रा के लिए ट्रैफिक डायवर्ट, दिल्ली-मेरठ एक्सपप्रेस वे पर भारी वाहनों के परिचालन हुआ बंद