'इलायची', 'पंडित जी'... आतंकियों के वे कोड, जिनसे दहल गया था हैदराबाद

NIA की जांच में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी मॉड्यूल की प्लानिंग का खुलासा हुआ. इन आतंकियों ने अपने नापाक मंसूबों को छिपाने के लिए कई कोडवर्ड का इस्तेमाल किया था. इनका क्या मतलब था, यहां जानिए.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
हैदराबाद दोहरे धमाके मामले में 5 आतंकियों की मौत की सजा बरकरार.
हैदराबाद:

तेलंगाना हाई कोर्ट ने मंगलवार को साल 2013 में हुए हैदराबाद के दिलसुखनगर ब्लास्ट (Hyderabad Blast) मामले में इंडियन मुजाहिदीन के पांच आतंकियों की NIA की तरफ से दी गई मौत की सज़ा को बरकरार रखा. इन बम धमाकों में 18 लोग मारे गए थे और 133 लोग घायल हुए थे. इन हमलों में कुछ लोग अपंग तक हो गए. ये दोहरा ब्लास्ट 21 फरवरी, 2013 को हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके में हुआ था. पहला धमाका बस स्टॉप पर और दूसरा धमाका एक मिनट से भी कम समय बाद एआई मिर्ची सेंटर नाम के एक रेस्टोरेंट के पास हुआ. इस मामले की जांच NIA ने उसी साल मार्च में अपने हाथ में ले ली थी.

NIA की जांच में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी मॉड्यूल की प्लानिंग का खुलासा हुआ था. इन आतंकियों ने अपने ऑपरेशन को अंजाम देने और अपने नापाक मंसूबों को छिपाने के लिए कई कोडवर्ड का इस्तेमाल किया था. इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों को 'इलायची', 'पंडितजी', 'जेजे', 'असलम', 'बिगड़ू','अली', 'जद्द' और 'एचएसएस' जैसे कोडवर्ड दिए गए थे. 

कोडवर्ड का मतलब जानिए

  • 'इलायची' का मतलब डेटोनेटर था.
  •  'एनएनएन' या 'कलुंगी' का मतलब विस्फोटक था.
  • 'वागू' का मतलब अल-कायदा इन वजीरिस्तान
  • 'कैप्ट' का मतलब काठमांडू या दिल्ली
  •  'पलटॉक' का मतलब निंबज इंस्टेंट मैसेजिंग 

हैदराबाद को दहलाने के लिए इन कोडवर्ड्स का भी इस्तेमाल

लोगों और इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों को भी कोडवर्ड दिए गए थे. 'पंडितजी' कोड का इस्तेमाल नेपाल में पांच लोगों से जुड़े एक बल बहादुर थापा के लिए किया गया. 'जद्द' का इस्तेमाल पाकिस्तानी सदस्य वकास के लिए था. वहीं 'एचएसएस' या 'हज़िल' का इस्तेमाल तहसीन अख्तर के लिए किया गया था. 

Advertisement

'जेजे' का इस्तेमाल भगोड़ा रियाज भटकल के लिए किया गया था, जिसे इस ब्लास्ट का मास्टरमाइंड कहा जाता है. NIA की जांच में कई अन्य लोगों के नाम भी सामने आए. 'असलम' 'अली' 'बिगडू' कोडवर्ड का भी इस्तेमाल इन आतंकियों ने किया.

Advertisement

5 आतंकियों की सजा-ए-मौत बरकरार

मंगलवार को जस्टिस के लक्ष्मण और जस्टिस पी श्री सुधा की बेंच ने विशेष एनआईए अदालत द्वारा 5 आतंकियों को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा. बता दें कि NIA कोर्ट ने 13 दिसंबर, 2016 को पांच आतंकियों- IM को-फाउंडर  मोहम्मद अहमद सिद्दी-बापा उर्फ ​​यासीन भटकल (भटकल, कर्नाटक), पाकिस्तानी नागरिक जिया-उर-रहमान उर्फ ​​वकास, असदुल्ला अख्तर उर्फ हड्डी, तहसीन अख्तर उर्फ ​​मोनू और एजाज शेख को दोषी ठहराया था. रियाज भटकल नाम का एक प्रमुख आरोपी अब भी फरार है. उसके पाकिस्तान में छपे होने का शक है. एनआईए उसकी तलाश में जुटी है. 
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Tahawwur Rana Breaking News: The first picture of Tahawwur Rana brought to India surfaced