तेलंगाना में इन दिनों राजनीति गरमाई हुई है. सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोपों का दौर जारी है. पीएम मोदी के तेलंगाना दौरे के दौरान मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की अनुपस्थिति और प्रोटोकॉल के नहीं पालन करने को लेकर बीजेपी के कई नेता हाल के दिनों में सीएम को घेरते रहे हैं. वहीं इस पूरे मामले पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K Chandrashekar Rao) के बेटे केटी रामाराव की प्रतिक्रिया आई है.
केटी रामाराव ने फरवरी में रामानुजाचार्य की स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी के उद्घाटन पर अपने पिता की अनुपस्थिति पर एक चौंकाने वाला दावा किया है. राव ने कहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक स्पष्ट संदेश दिया गया था कि मुख्यमंत्री को "नहीं आना चाहिए". बता दें कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री अनुपस्थित रहे थे, जब पीएम मोदी पिछले साल नवंबर में भारत बायोटेक कोविड वैक्सीन फैसिलिटी का दौरा करने आए थे.
एनडीटीवी को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में केटी रामाराव ने कहा कि दोनों ही मामलों में प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से स्पष्ट संदेश दिया गया था कि मुख्यमंत्री को "नहीं आना चाहिए". उन्होंने सवाल किया, क्या यह पीएमओ की ओर से प्रोटोकॉल का उल्लंघन और प्रधानमंत्री द्वारा मुख्यमंत्री का अपमान नहीं है?
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यह पूछे जाने पर कि राज्यपाल के जिलों के दौरे पर प्रोटोकॉल का पालन क्यों नहीं किया गया. नगर प्रशासन और शहरी विकास मंत्री राव ने कहा कि राज्यपाल एक बीजेपी नेता की तरह व्यवहार करती हैं. उन्होंने एक रिपब्लिक डे स्पीच पढ़ी थी, जिसे मंत्रियों के काउंसिल की ओर से सत्यापित नहीं किया गया था. वह राजनीतिक टिप्पणी करती रही हैं.
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में राज्यपाल तमिलिसै सौंदरराजन (Tamilisai Soundararajan) ने एक आदिवासी उत्सव में भाग लिया था और यादाद्री मंदिर (Yadadri temple) गई थीं, लेकिन कोई भी मंत्री, विधायक या अधिकारी प्रोटोकॉल के अनुसार उनका स्वागत करने के लिए नहीं आया था.
पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हाल की बैठकों में राज्यपाल ने शिकायत की थी कि उन्होंने तेलंगाना सरकार और मुख्यमंत्री द्वारा अपमानित महसूस किया. साथ ही उन्होंने प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने का आरोप भी लगाया. वहीं रामा राव ने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों का अपमान केंद्रीय मंत्रियों और यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी किया था. उन्होंने कहा कि जब हमने धान खरीद जैसे गंभीर मुद्दे उठाए तो पीयूष गोयल ने मजाक उड़ाया.
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