अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयान से विपक्ष संतुष्ट नहीं है. आज कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्षी दलों के नेताओं की एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में अलग-अलग मुद्दों को लेकर सरकार से सवाल पूछने, उसे जवाबदेह बनाने और घेरने की रणनीति पर चर्चा हो सकती है. तवांग में झड़प के मामले पर कल रक्षा मंत्री ने संसद में बयान दिया था. बयान के बाद विपक्षी दलों ने लोकसभा और राज्यसभा का बहिष्कार भी किया था.
विपक्ष का कहना था कि उन्हें बोलने का मौक़ा ही नहीं दिया गया. विपक्ष का कहना था कि संसद में इस घटना को रक्षामंत्री ने तथ्य तो पेश किए ही नहीं.. ऐसे में आज इन तमाम मुद्दों पर विपक्ष की रणनीति को लेकर चर्चा हो सकती है. उधर कल संसद में दिए अपने बयान में राजनाथ सिंह ने कहा था कि तवांग में चीन ने यथास्थिति बदलने की कोशिश की जिसे भारतीय सेना ने बहादुरी से नाकाम कर दिया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा और राज्यसभा में अपने बयान में कहा था, “भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उसे अपनी चौकियों पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया. झड़प में दोनों पक्षों के कुछ सैनिक घायल हो गए.” सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति को “एकतरफा” बदलने के चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के प्रयास को विफल कर दिया.
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस घटना के पश्चात क्षेत्र के स्थानीय कमांडर ने 11 दिसंबर 2022 को अपने चीनी समकक्ष के साथ स्थापित व्यवस्था के तहत एक ‘फ्लैग मीटिंग' की और इस घटना पर चर्चा की.
सिंह ने कहा, 'चीनी पक्ष को इस तरह के कार्यों से बचने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया है. इस मुद्दे को राजनयिक चैनलों के माध्यम से भी चीनी पक्ष के साथ उठाया गया है.'