संकटग्रस्त गो फर्स्ट (Go First) ने दिवालिया घोषित होने के लिए अर्जी फाइल की है. इस बीच भारत की दो बड़ी एयरलाइन कंपनियां, गो एयरलाइंस इंडिया लिमिटेड (Go Airlines India Ltd.) से एयरबस एसई (Airbus SE) विमानों को लेने के लिए बातचीत कर रही हैं. ब्लूमबर्ग (Bloomberg) की रिपोर्ट के अनुसार टाटा ग्रुप (Tata Group) और इंडिगो (IndiGo), गो एयर के लीजर्स के साथ इस मामले पर बातचीत कर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार मामले से परिचित लोगों का कहना है कि नई दिल्ली और मुंबई सहित एयरपोर्ट ऑपरेटर्स के साथ लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट पर भी चर्चा की जा रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के एविएशन रेगुलेटर के साथ फाइलिंग, गो एयर के लीजर्स 36 विमानों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों का कहना है कि कई अन्य एयरलाइंस कंपनियों ने एयरपोर्ट के स्लॉट में दिलचस्पी जाहिर की है. इनमें अकासा एयर भी शामिल है. गो एयर के एसेट के लिए डेट के रिस्ट्रक्चर और ऑपरेशन को फिर से शुरू करने के लिए बोली को जटिल बना सकता है.
ये हैं गो एयर के सबसे बड़े लीजर्स
गो एयर के सबसे बड़े लीजर्स में स्काई हाई एक्ससीवी लीजिंग लिमिटेड, एसीजी एयरक्राफ्ट लीजिंग आयरलैंड लिमिटेड और एसएमबीसी एविएशन कैपिटल लिमिटेड शामिल हैं. इस बीच एविएशन रेगुलेटर ने गो फर्स्ट को सोमवार को टिकटों की बिक्री बंद करने के लिए कहा है. इससे पहले विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड को लगभग एक दशक पहले ऐसा ही आदेश दिया गया था.
खराब इंजनों की वजह से आया संकट
2005 में मैग्नेट नुस्ली वाडिया द्वारा स्थापित गो एयर ने कहा है कि उसके A320neo विमान पर प्रैट एंड व्हिटनी इंजन अपेक्षा से अधिक तेजी से खराब हो गए. इंजन ने समय से पहले काम करना बंद कर दिया. एयरलाइन ने कहा कि उसे 2016 और फरवरी 2023 के बीच 500 से अधिक प्रैट जीटीएफ इंजनों को बदलना पड़ा, जिससे विमानों को सेवा से बाहर कर दिया गया. इससे एयरलाइन को 108 बिलियन रुपये (1.3 बिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ.
2 मई को उड़ानें रोकने से पहले गो फर्स्ट रोजाना करीब 200 उड़ानें चला रही थी, जिनमें 25,000 से 30,000 यात्री हवाई सफर कर रहे थे. गो फर्स्ट के लिए दिल्ली-श्रीनगर, दिल्ली-लेह और मुंबई-गोवा सबसे व्यस्त मार्ग हैं.
गो फर्स्ट ने बजट ऑपरेटर इंडिगो से मार्च में 7.3 मिलियन लोगों को घरेलू स्तर पर उड़ान भरी, जो भारतीय बाजार का लगभग 60% हिस्सा है. रिपोर्ट के अनुसार लीजर्स गो एयर के इनएक्टिव विमानों को भारत में रखना पसंद करेंगे. एयरलाइन के अन्य लीजर्स में जीवाई एविएशन लीज कंपनी और पेमब्रोक एयरक्राफ्ट लीजिंग लिमिटेड शामिल हैं.
टाटा ने पिछले साल किया था एअर इंडिया का अधिग्रहण
बता दें कि टाटा ग्रुप ने पिछले साल एअर इंडिया का अधिग्रहण किया. टाटा अपने ब्रांड्स को इंटीग्रेट कर रहा है. इनमें सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड एयरएशिया के लोकल वेंचर्स शामिल हैं. एयरलाइन ने फरवरी में एयरबस और बोइंग को 470 विमानों के लिए एक रिकॉर्ड ऑर्डर दिया था, जिसकी डिलीवरी इस साल के अंत से शुरू होनी थी, लेकिन सप्लाई- चेन में रुकावटें इस टाइमलाइन पर असर डाल सकती हैं.
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