उंगलुदन स्टालिन योजना को लेकर तमिलनाडु सरकार को बड़ी राहत, SC ने दिखाई हरी झंडी

CJI बी आर गवई ने फैसला देते समय कहा कि हाईकोर्ट को इस तरह जल्दबाजी में अंतरिम रोक नहीं लगानी चाहिए थी. राजनेताओं के नाम पर योजनाओं का शुभारंभ पूरे देश में एक आम चलन है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
तमिलनाडु सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • SC ने उंगलुदन स्टालिन योजना पर मद्रास हाईकोर्ट की अंतरिम रोक को फिलहाल रद्द कर तमिलनाडु सरकार को राहत दी.
  • मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने राजनीतिक विवादों को अदालतों में न लाने और याचिका को कानूनन गलत बताया.
  • कोर्ट ने AIDMK सांसद सी.वी. षणमुगम को दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया, न देने पर अवमानना की कार्रवाई होगी.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (SC) ने उंगलुदन स्टालिन योजना को लेकर तमिलनाडु सरकार को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने इस योजना पर अंतरिम रोक के मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को फिलहाल रद्द कर दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने दोहराया कि राजनीतिक लड़ाई मतदाताओं के सामने लड़ी जाए. इसके लिए अदालतों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि ये याचिका ही कानूनन गलत थी. इसे कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग के तौर पर भी देख सकते हैं. 

आपको बता दें कि कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ता AIDMK सांसद सी.वी.षणमुगम पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया है. एक हफ्ते में जुर्माना नहीं दिया तो अवमानना का मामला चलेगा. तमिलनाडु सरकार को जुर्माना की राशि जमा करने को कहा है. CJI बी आर गवई ने फैसला देते समय कहा कि हाईकोर्ट को इस तरह जल्दबाजी में अंतरिम रोक नहीं लगानी चाहिए थी. राजनेताओं के नाम पर योजनाओं का शुभारंभ पूरे देश में एक आम चलन है. हमारे पास तमिलनाडु के विभिन्न राजनेताओं के नाम पर शुरू की गई 45 योजनाओं की सूची है.

हम पार्टियों को शर्मिंदगी से बचाने के लिए उन 45 योजनाओं का उल्लेख नहीं करना चाहते हैं. जब ऐसी योजनाएं सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के नाम पर शुरू की गई हैं, तो हम याचिकाकर्ता की केवल एक पार्टी और एक नेता को चुनने की बेचैनी को नहीं समझते. अगर याचिकाकर्ता को धन के दुरुपयोग की इतनी ही चिंता थी, तो उसे ऐसी सभी योजनाओं को चुनौती देनी चाहिए थी. पिछले हफ्ते मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को भविष्य में शुरू की जाने वाली नई या पुनः-ब्रांडेड सार्वजनिक योजनाओं के नामकरण में किसी भी जीवित व्यक्ति के नाम का उपयोग करने  पर अंतरिम रोक लगा दी

Advertisement

अदालत ने इन योजनाओं के प्रचार के लिए जारी किए जाने वाले विज्ञापनों में किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री/वैचारिक नेता या द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के प्रतीक चिन्ह/प्रतीक/ध्वज के चित्र के उपयोग पर भी रोक लगा दी है. मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस सुंदर मोहन की पीठ ने अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIDMK) के सांसद सी.वी. षणमुगम द्वारा जन संपर्क कार्यक्रम 'उंगलुदन स्टालिन' में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के नाम के इस्तेमाल के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर अंतरिम आदेश पारित किया है.

Advertisement

पीठ ने स्पष्ट किया कि उन्होंने सरकार की किसी भी कल्याणकारी योजना के शुभारंभ, कार्यान्वयन या संचालन के विरुद्ध कोई आदेश पारित नहीं किया है. उन्होंने कहा कि उनका आदेश केवल ऐसी योजनाओं के नामकरण और सरकार द्वारा तैयार की जाने वाली प्रचार सामग्री तक ही सीमित है.यह भी कहा कि अंतरिम आदेश केवल प्रथम दृष्टया उपलब्ध सामग्री के आधार पर पारित किए जा रहे हैं.  

Advertisement

पीठ ने ' उंगलुदन स्टालिन' योजना के नामकरण के खिलाफ दायर मुख्य जनहित याचिका पर तमिलनाडु सरकार और डीएमके को नोटिस जारी करने का आदेश दिया और उन्हें जवाबी हलफनामे दाखिल करने के लिए समय दिया. पीठ ने सांसद की जनहित याचिका और एक अन्य व्यक्ति द्वारा दायर इसी तरह के मामले पर जवाबी हलफनामे और जवाब दाखिल होने के बाद 13 अगस्त को अगली सुनवाई करने का फैसला किया. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Trump Tariff On India: ढेर सारे दूसरे प्रतिबंध देखने को मिलेंगे... ट्रंप की भारत को एक और धमकी
Topics mentioned in this article