मणिपुर के जिरीबाम में संदिग्ध कुकी विद्रोहियों ने पुलिस स्टेशन पर किया हमला, एक घर जलाया

कुकी विद्रोहियों की ओर से शुक्रवार को 'हमार विलेज वालंटियर्स' के लेटरहेड पर एक बयान में पुलिस और अर्धसैनिक बलों को "सूर्यास्त से पहले" जिरीबाम का यह क्षेत्र छोड़ने की धमकी दी गई है

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
मणिपुर में जिरिबाम के पुलिस स्टेशन पर हमला किया गया.
इंफाल/गुवाहाटी:

मणिपुर के जिरीबाम जिले में संदिग्ध कुकी विद्रोहियों ने शनिवार को एक पुलिस स्टेशन पर गोलीबारी की. जिले के बोरोबेकरा उपखंड के पुलिस सूत्रों ने बताया कि संदिग्ध कुकी विद्रोहियों ने जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन पर सुबह 5.30 बजे गोलीबारी की. पुलिस स्टेशन से प्राप्त तस्वीरों में दीवारों और दरवाजों पर गोलियों के निशान दिखाई दे रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि हमले के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि एक घर में आग लगा दी गई और एक बम हमला भी हुआ. मणिपुर पुलिस प्रमुख राजीव सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "जिरीबाम जिले सहित कुछ इलाकों में छिटपुट गोलीबारी हो रही है. सुरक्षा बलों के प्रयासों से स्थिति पर काबू पा लिया गया है."

आज का हमला सत्तारूढ़ बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के मीतेई, नागा और कुकी विधायकों की दिल्ली में केंद्र से अलग-अलग मुलाकातों के कुछ ही दिनों बाद हुआ है. यह विधायक मई 2023 में मणिपुर में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद पहली बार केंद्र से मिले थे. 

Advertisement

जातीय संघर्ष से परेशान मणिपुर ने केंद्र सरकार के सामने उठाईं 8 सूत्रीय मांगें

शुक्रवार को लेटरहेड 'हमार विलेज वालंटियर्स' पर एक बयान में पुलिस और अर्धसैनिक बलों को "सूर्यास्त से पहले" जिरीबाम में यह क्षेत्र छोड़ने की धमकी दी गई है, और न छोड़ने पर किसी भी घटना की जिम्मेदारी लेने के लिए कहा गया है.

Advertisement

मैतेई नागरिक समाज संगठन जिरी अपुनबा लूप ने आज एक बयान में इस खतरे के बारे में चिंता जताई. उसने  आरोप लगाया कि कुकी विद्रोहियों ने बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन पर गोलीबारी और बमों से बड़ा हमला किया. बमों का उपयोग करके एक दुकान और एक घर को क्षतिग्रस्त कर दिया गया और एक घर को जला दिया.

Advertisement

एक अगस्त को मैतेई समुदाय और हमर जनजाति के प्रतिनिधियों ने जिरीबाम में एक शांति बैठक की थी. उन्होंने जातीय हिंसा से ग्रस्त असम की सीमा से लगे इस जिले में दो माह में स्थिति सामान्य बनाने के लिए सहमति व्यक्त की थी.

Advertisement

जिरीबाम में एक साल से शांति थी

मणिपुर की राजधानी इंफाल से 250 किलोमीटर दूर जिरीबाम में मई 2023 में मीतेई-कुकी जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से एक साल से अधिक समय तक हिंसा नहीं देखी गई. हालांकि, जून में जिले में झड़पें हुईं, जिससे दोनों समुदायों के एक हजार से अधिक लोगों को राहत शिविरों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा. इनमें से कुछ लोग पड़ोसी राज्य असम में हैं.

यूनाइटेड कुकी नेशनल आर्मी के फाइनेंस हैंडलर को असम एसटीएफ ने गिरफ्तार किया: सूत्र

घाटी के प्रमुख मैतेई समुदाय और कुकी (यह शब्द औपनिवेशिक काल में अंग्रेजों द्वारा दिया गया था) नाम से जानी जाने वाली लगभग दो दर्जन जनजातियों, जो कि मणिपुर के कुछ पहाड़ी क्षेत्रों में प्रमुखता से रहती हैं, के बीच संघर्ष में 220 से अधिक लोग मारे गए हैं और लगभग 50,000 लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं.

सामान्य श्रेणी के मैतेई लोग अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल होना चाहते हैं. कुकी समुदाय के पड़ोसी म्यांमार के चिन राज्य और मिजोरम के लोगों के साथ जातीय संबंध हैं. यह समुदाय अपने लिए मणिपुर से अलग प्रशासनिक व्यवस्था चाहता है. वह इसके पीछे मैतेई लोगों द्वारा भेदभाव किया जाना और संसाधनों और सत्ता में असमान हिस्सेदारी का हवाला देता है.

यह भी पढ़ें -

मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार ने माना, म्यांमार से '900 कुकी उग्रवादियों' के भारत में घुसने की खुफिया रिपोर्ट सही

मणिपुर हिंसा कौन करा रहा? क्या आतंकवादी की रिहाई चाहते हैं अपहरणकर्ता?

Featured Video Of The Day
Ram Mandir: आ गई तस्वीरें...Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishta 2.0 की EXCLUSIVE Photos देखें | UP
Topics mentioned in this article