लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में भाजपा के लिए केरल का राजनीतिक सूखा खत्म हो गया है. अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी (Suresh Gopi) ने त्रिशूर सीट से 74,686 मतों के अंतर से जीत दर्ज की है. इसके साथ भाजपा ने मंगलवार को केरल में अपना खाता खोल लिया. गोपी ने पूर्व राज्य मंत्री और भाकपा नेता वीएस सुनील कुमार को हराया. गोपी को कुल 4,12,338 और सुनील कुमार को 3,37,652 मत मिले. वहीं, पड़ोसी वडकरा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस सांसद के. मुरलीधरन तीसरे स्थान पर रहे, जिन्हें इस बार त्रिशूर से टिकट दिया गया था.
गोपी ने कहा, "मैं सभी देवताओं को प्रणाम करता हूं क्योंकि यह मेरे लिए बहुत बड़ा संघर्ष था और देवताओं ने मुझे आशीर्वाद दिया. त्रिशूर के लोगों ने मुझ पर अपना आशीर्वाद बरसाया है."
गोपी ने अपने घर पर मीडिया से बात करते हुए कहा, "2023 में मुझे इस निर्वाचन क्षेत्र में लॉन्च करने के लिए मैं अमित शाह और मेरे राजनीतिक भगवान - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं."
मलयालम सिनेमा का बड़ा नाम है सुरेश गोपी
सुरेश गोपी का जन्म 1958 में केरल के अलप्पुझा में हुआ. जूलॉजी में बैचलर डिग्री के बाद गोपी ने इंग्लिश लिटरेचर में एमए की डिग्री हासिल की. सुरेश गोपी एक अभिनेता होने के साथ ही प्लेबैक सिंगर भी हैं. मलयालम सिनेमा का बड़ा नाम हैं. साथ ही तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में भी अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं.
सुरेश गोपी का 32 साल का फिल्मी करियर है. उनके अभिनय जीवन की पहली बड़ी सफलता 1992 में आई फिल्म थलास्तानम से मिली. उन्होंने 250 से ज्यादा फिल्मों में अपने अभिनय कौशल का प्रदर्शन किया है. 1997 में आई फिल्म लेलम में उनके किरदार को काफी सराहा गया. इसके अगले ही साल 1998 में आई फिल्म कलियाट्टम के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर के नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया. साथ ही उन्होंने एक लंबे वक्त तक टीवी शो भी होस्ट किया है.
सुरेश गोपी अक्टूबर 2016 में भाजपा में शामिल हो गए थे. गोपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में त्रिशूर से हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें 2021 के विधानसभा चुनाव में भी हार झेलनी पड़ी थी.
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