सुप्रीम कोर्ट बुलडोजर 'जस्टिस' के बाद अब उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स एक्ट (Uttar Pradesh Gangsters Act) की वैधता की जांच करेगा. सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने इसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है. याचिका में कहा गया है कि यह एक्ट पुलिस को शिकायतकर्ता, अभियोजक और निर्णायक बनने तथा आरोपी की पूरी संपत्ति कुर्क करने की अनुमति देता है.
पीठ ने अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस जारी किया.
वकील अंसार अहमद चौधरी के माध्यम से दायर जनहित याचिका में अधिनियम की धारा 3, 12 और 14 के साथ-साथ 2021 के नियम 16(3), 22, 35, 37(3) और 40 को चुनौती दी गई है, जो मामलों के पंजीकरण, संपत्तियों की कुर्की, जांच और ट्रायल से संबंधित हैं.
याचिका में कहा गया है कि किसी ऐसे व्यक्ति के खिलाफ अधिनियम के तहत फिर से एफआईआर दर्ज करना, जिसने अपराध किया है और जिसके खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज हो चुकी है, दोहरा खतरा है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 20(2) का उल्लंघन है.