EWS आरक्षण के फैसले को लेकर दायर पुर्निविचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की पीठ ने खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि फैसले में रिकार्ड के चेहरे पर कोई त्रुटि नहीं मिली है. इसलिए पुनर्विचार का कोई आधार नहीं है. CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस एस रवींद्र भट, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस जे बी पारदीवाला की पीठ ने यह फैसला सुनाया है. इस पर पीठ ने नौ मई को चेंबर में विचार किया था फैसला मंगलवार को अपलोड किया गया.
मध्य प्रदेश कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. पांच जजों के संविधान पीठ ने 3:2 बहुमत से EWS आरक्षण को संवैधानिक करार दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सात नवंबर 2022 को दिए फैसले के जरिए आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को मिल रहे आरक्षण को बरकरार रखा था. चीफ जस्टिस यूयू ललित के नेतृत्व में 5 जजों की संविधान पीठ ने 3-2 के बहुमत से संविधान के 103 वें संशोधन को सही ठहराया था. याचिका में आरक्षण के खिलाफ दलील दी गई थी कि यह 103 वें संविधान संशोधन के साथ धोखा है.
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