EVM में VVPAT से गिनती करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट नवंबर में करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि इस मुद्दे को कितनी बार उठाया जाएगा. हर 7-8 मामले में मुद्दा फिर से आ जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता जरूरत से ज्यादा संदेह जता रहे हैं.

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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

आगामी राज्य चुनावों में सभी EVM में VVPAT से गिनती करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि इस मुद्दे को कितनी बार उठाया जाएगा. हर 7-8 मामले में मुद्दा फिर से आ जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता जरूरत से ज्यादा संदेह जता रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो इस मामले की सुनवाई नवंबर में करेगा. याचिकाकर्ता को केंद्र के हलफनामे पर जवाब देने को कहा गया है. जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा यह मुद्दा कितनी बार उठाया जाएगा? यह अदालत पहले ही जांच 1% से बढ़ाकर 5% कर चुकी है.

प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार ने स्वीकार किया है कि ईवीएम में त्रुटियां थीं. जस्टिस खन्ना ने कहा - उन्होंने कहा है कि मानवीय त्रुटियां थीं. हर साल इस तरह की याचिका सामने आती है. इससे पहले 17 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट याचिका पर विचार करने को तैयार हो गया था. चुनाव आयोग से इस पर जवाब मांगा गया. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की कॉपी चुनाव आयोग के वकील को देने को कहा था. सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण को कहा था. क्या हम कभी-कभी ज्यादा संदिग्ध नहीं हो जाते? आप भी जरूरत से ज्यादा संदिग्ध हो रहे हैं .

असल में होता यह है कि रजिस्टर में व्यक्ति का नाम होता है लेकिन वे ठीक से नहीं दबाते. जिन मतदान केंद्रों पर मशीनें रखी गई हैं उनकी संख्या एक नहीं बल्कि कई हैं. गिनती करते समय उन्हें जनशक्ति और अन्य चीजों को भी देखना होगा 
जस्टिस बेला त्रिवेदी ने कहा था कि हम नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं लेकिन वे सिस्टम पर काम कर रहे हैं. एक याचिका पर  उन्होंने कहा था कि वे पूरी प्रणाली पर काम कर रहे हैं. याचिकाकर्ता ADR की ओर से प्रशांत भूषण ने कहा था कि 3 रिकॉर्ड हैं

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ईवीएम, VVPAT और रजिस्टर जिसमें लोगों को हस्ताक्षर करना होता है. सभी 3 का मिलान होना चाहिए, लेकिन, यह पाया गया है कि रजिस्टर और ईवीएम के बीच भारी विसंगति है. हजारों विसंगतियां होती हैं. यह विचार सही नहीं है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है, लेकिन ऐसे तीन तरीके हैं जिनसे यह सही गिनती का संकेत नहीं देता है.

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