फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की NPA (नॉन परफार्मिंग एसेट) घोषित करने से रोक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया है. SC ने फ्यूचर रिटेल की याचिका पर RBI और बैंकों से जवाब मांगा है. मामले में गुरुवार को सुनवाई होगी.बैंकों ने फ्यूचर की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि फ्यूचर रिटेल पहले से ही डिफॉल्ट में है. मध्यस्थता सुरक्षित उधारदाताओं के अधिकारों को प्रभावित नहीं करती है.सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि इस मुद्दे को हल करने के लिए बैंकों को यथार्थवादी दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है.
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दरअसल, FRL ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. फ्यूचर रिटेल ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि कंपनी को NPA या डिफॉल्टर घोषित करने से रोका जाए. इस महीने की शुरुआत में फ्यूचर रिटेल ने कहा था कि वह बैंकों और कर्जदाताओं को तय तारीख पर 3,494.56 करोड़ रुपये की अदायगी नहीं कर सकी क्योंकि अमेजन के साथ चल रहे मुकदमे के कारण कंपनी संपत्ति नहीं बेच सकी है.उक्त राशि का भुगतान अब इस महीने के अंत तक किया जाना है.
फ्यूचर रिटेल ने कर्ज अदा करने के लिए कुछ और समय मांगा है और न्यायालय से अनुरोध किया कि छोटे आकार की दुकानों के मौद्रिकीकरण के लिए मसौदा समझौते के तहत निर्धारित समयसीमा को दिनांक एक जनवरी 2022 की बैठक के अनुसार बढ़ाया जाए. फ्यूचर रिटेल लिमिटेड द्वारा देय तिथि (31 दिसंबर, 2021) तक कर्ज नहीं चुकाने पर कर्जदाताओं ने उसे कोविड-19 से प्रभावित कंपनियों के लिए एकमुश्त पुर्नगठन (ओटीआर) योजना के तहत 30 दिन का अतिरिक्त समय दिया है. फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ने पिछले साल बैंकों और कर्जदाताओं के एक संघ के साथ ओटीआर योजना में प्रवेश किया था और इसके तहत उसे 31 दिसंबर, 2021 तक कुल 3,494.56 करोड़ रुपये चुकाने थे.