सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) हेट क्राइम और मॉब लिंचिंग केस में पीड़ितों के लिए यूनिफार्म मुआवजा पॉलिसी (Uniform Compensation Policy) पर विचार करने को तैयार हो गया है. समान नीति के लिए जनहित याचिका पर केंद्र और राज्यों को नोटिस भेजकर सुप्रीम कोर्ट ने आठ हफ्ते में जवाब मांगा है. इंडियन मुस्लिम्स फॉर प्रोग्रेस एंड रिफार्म्स संगठन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को नोटिस भेजा है. जनहित याचिका में मौजूदा मुआवजा राशि में वृद्धि की मांग की गई है.
इस मामले में शारीरिक और मनोवैज्ञानिक चोट कमाई के नुकसान पर भी विचार करने के लिए कहा गया है. याचिका में तहसीन पूनावाला मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिंचिंग/भीड़ हिंसा के पीड़ितों के लिए राज्यों द्वारा बनाई जाने वाली मुआवजा योजना के संबंध में निर्देशों को लागू करने की मांग की गई है.
पूनावाला की याचिका में दिशा- निर्देशों ने उस तरीके को निर्धारित किया था, जिसमें पीड़ित मुआवजा योजना को लागू किया जाना था. शारीरिक चोट, मनोवैज्ञानिक चोट और आय के नुकसान सहित अन्य अवसरों की प्रकृति पर उचित ध्यान दिया जाना चाहिए. जनहित याचिका में जहां तक संभव हो हेट क्राइम /मॉब-लिंचिंग के पीड़ितों को मुआवजा राशि देने के लिए एक समान नीति की मांग की गई है.
यह भी पढ़ें :
- सिविल सेवा दिवस पर PM मोदी ने की 'पंचप्रण' की बात, जानें क्या हैं ये संकल्प
- गोधरा केस : साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाने के मामले में SC ने 8 दोषियों को दी जमानत
- मास्टर डिग्री करने गए आंध्र प्रदेश के छात्र की अमेरिका में गोली मारकर हत्या
Helplines | |
---|---|
Vandrevala Foundation for Mental Health | 9999666555 or help@vandrevalafoundation.com |
TISS iCall | 022-25521111 (Monday-Saturday: 8 am to 10 pm) |
(If you need support or know someone who does, please reach out to your nearest mental health specialist.) |