NCR में बिल्डर-बैंक नेक्सस की होगी CBI जांच, सुपरटेक सहित कई बिल्डरों के होम बायर्स को लेकर SC का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली NCR में नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे, गुरुग्राम, गाजियाबाद प्राधिकरणों में स्थित परियोजनाओं की प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के अलावा उन बिल्डरों की भी अलग से जांच करने का आदेश दिया है.

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दिल्ली-NCR के होम बायर्स को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत की उम्मीद जागी है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली NCR में नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे, गुरुग्राम, गाजियाबाद प्राधिकरणों में स्थित परियोजनाओं की प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के अलावा उन बिल्डरों की भी अलग से जांच करने का आदेश दिया है, ⁠जिनके पास दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चंडीगढ़, मोहाली आदि में ऐसी परियोजनाएं हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक तरफ बैंकों और HFC और दूसरी तरफ बिल्डर-कम-डेवलपर्स के बीच कुछ अपवित्र सांठगांठ है. जिससे आम लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है. इसकी  जांच होनी जरूरी है. 

सुप्रीम कोर्ट के अपने आदेश में क्या कुछ कहा 

  • NCR में बिल्डर-बैंकों के गठजोड़ की CBI जांच होगी 
  • सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर और बैंकों के नेक्सस की जांच सीबीआई को सौंपी 
  • सुप्रीम कोर्ट का सीबीआई को सात प्रारंभिक जांच ( PE) दर्ज करने के आदेश 
  • CBI निदेशक को SIT बनाने के निर्देश 
  • यूपी और हरियाणा DGP को CBI को पुलिस अफसर मुहैया कराने के आदेश 
  • इनमें एक PE सुपरटेक के खिलाफ होगी
  • मामले की मॉनिटरिंग करेगा सुप्रीम कोर्ट 
  • सीबीआई से मांगी अंतरिम स्टेटस रिपोर्ट 
  • हर महीने सुनवाई करेगा SC

अदालत ने पाया कि सुपरटेक के 6 शहरों में 21 से अधिक प्रोजेक्ट हैं, जिनमें 19 वित्तीय संस्थान हैं. इनमें से कम से कम 800 पीड़ित घर खरीदार हैं. रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि सुपरटेक और 8 बैंकों के बीच अंतर्निहित सांठगांठ की प्राथमिकता के आधार पर जांच की जानी चाहिए. एमिक्स ने यह भी सिफारिश की है कि सीबीआई को सुपरटेक के साथ अन्य 3 बैंकों की सांठगांठ की जांच करनी चाहिए.

CBI  जांच के लिए यूपी और हरियाणा के DGP देंगे अधिकारीः सुप्रीम कोर्ट 

होम बायर्स की सीबीआई जांच के लिए यूपी और हरियाणा से पुलिस अधिकारी लिए जाएंगे. इस जांच के लिए बकायदा एक एसआईटी बनेगी. जिसके लिए यूपी और हरियाणा के डीजीपी अपने-अपने राज्यों से कम से कम 12 और 5 डिप्टी पुलिस अधीक्षकों को देंगे. राज्य पुलिस के 20 और 7 इंस्पेक्टर, तथा 30 और 10 हेड कांस्टेबल/कॉन्स्टेबलों को शॉर्टलिस्ट करेंगे.
जिनमें से 10 और तीन महिला कांस्टेबल होंगी. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने यह फैसला दिया है.  

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बेंच ने आदेश देते हुए कहा 200 से अधिक घर खरीदारों/उधारकर्ताओं द्वारा दायर 170 से अधिक याचिकाओं वाले मामलों के इस समूह ने सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है. अर्थात् अधिकारियों द्वारा अपने कार्यों का निर्वहन करने में सिस्टेमैटिक विफलता है. बिल्डरों ने घर खरीदने वालों द्वारा निर्दिष्ट तिथि तक यूनिट खरीदने के लिए लिए गए ऋणों की EMI/प्री-EMI के भुगतान का आश्वासन देने वाली योजनाओं का विज्ञापन किया.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि बैंकों, घर खरीदने वालों और बिल्डरों/ डेवलपर्स के बीच ज्यादातर त्रिपक्षीय समझौते करके लोन लिए गए. जबकि ये परियोजनाएं 2013-15 में कहीं लॉन्च की गई थीं, अधिकांश बिल्डरों/डेवलपर्स ने 2018-19 में EMI के भुगतान में चूक करना शुरू कर दिया. बैंकों ने घर खरीदने वालों से भुगतान की मांग करना शुरू कर दिया. इस तथ्य के बावजूद कि यूनिट अधूरी थीं और कोई अवसर नहीं था, बलपूर्वक कार्रवाई की गई.

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