सुप्रीम कोर्ट ने 49 ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के खिलाफ वस्तु और सेवा कर यानी GST काउंसिल की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इन कंपनियों को उनके पोर्टल के जरिए लगाए गए दांव के पूरे अंकित मूल्य यानी Face Value पर 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मांग नोटिस जारी किए गए थे. जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की बेंच ने शुक्रवार को GST काउंसिल की कार्रवाई पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है. अब इस मामले की सुनवाई 18 मार्च को होगी.
एडिशिनल सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने अदालत को बताया कि कुछ कारण बताओ नोटिस फरवरी में पूरे हो जाएंगे. उन्होंने तर्क दिया कि उन पर रोक न लगाना राजस्व के हितों के प्रतिकूल होगा.
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दरअसल, 1 अक्टूबर 2023 को GST काउंसिल ने ऑनलाइन गेमिंग दांव के पूरे अंकित मूल्य (Face Value) पर 28% टैक्स लगाया था. इसने 6 महीने बाद लेवी की समीक्षा करने का वादा किया था. हालांकि, गेमिंग इंडस्ट्री दांव के अंकित मूल्य के बजाय ग्रॉस गेमिंग रेवेन्यू (GGR) पर टैक्स का कैल्कुलेशन करने की वकालत कर रहा है.
GGR दांव पर लगाई गई राशि में से जीत को घटा कर दर्शाता है. इसके विपरीत, पूर्ण अंकित मूल्य कुल दांव रकम या प्रतियोगिता प्रवेश शुल्क को संदर्भित करता है. गेमिंग कंपनियों का तर्क है कि पूर्ण अंकित मूल्य पर टैक्स लगाना अनुचित है, क्योंकि यूजर्स को प्रत्येक डिपॉजिट पर 28% GST देना जरूरी है. इससे ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म ज्यादा महंगे हो सकते हैं. साथ ही आम जनता के लिए इसका एक्सेस कम हो सकता है.
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BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 40 करोड़ लोग ऑनलाइन गेम खेलते हैं. 2025 तक इस इंडस्ट्री के 5 अरब डॉलर यानी करीब 41 हजार करोड़ रुपये होने के आसार हैं. भारत के बाद चीन और अमेरिका का गेमिंग ग्रोथ 8% और 10% है.
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