क्या संपत्ति बंटवारे के मामलों में मुस्लिम परिवार में जन्म लेने वाला नास्तिक व्यक्ति भी शरीयत क़ानून मानने के लिए बाध्य होगा या फिर देश का सेकुलर सामान्य सिविल क़ानून उस पर लागू हो सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने इस पर केन्द्र सरकार से जवाब दाखिल करने का समय दिया है.
मुस्लिम लड़की ने दाखिल की याचिका
केरल की फातिमा पीएम ने मांग की है कि मुस्लिम परिवार में जन्म लेने के बावजूद वो लोग, जो मुस्लिम पर्सनल लॉ का पालन नहीं करना चाहते, उन पर भारतीय उत्तराधिकार एक्ट 1925 लागू होना चाहिए. भारतीय उत्तराधिकार एक्ट की धारा 58 में ये प्रावधान है कि ये मुसलमानों पर लागू नहीं होता(चाहे वह खुद को नास्तिक भी क्यों ना मानते हों). साफिया ने इसी प्रावधान को SC में चुनौती दी है.
सुप्रीम कोर्ट अप्रैल में जारी कर चुका है नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर अप्रैल में नोटिस जारी किया था, लेकिन सरकार ने अब तक जवाब दाखिल नहीं किया है. आज कोर्ट ने सरकार को फिर से जवाब दाखिल करने को कहा. आज सरकार की ओर से ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि एक्ट में ही इसको लेकर प्रावधान है ( ये मुस्लिम लोगों पर लागू नहीं होता). जहां तक समान नागरिक संहिता का सवाल है, सरकार इस पर विचार कर रही है. UCC आएगा या नहीं , अभी कुछ कह नहीं सकते.