सुप्रीम कोर्ट ने प्रफुल्ल पटेल की अगुवाई वाली कमेटी को हटाया, भारतीय फुटबॉल के संचालन के लिए नियुक्त की CoA

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि मौजूदा समिति इस खेल के हित में काम नहीं कर रही है, इसकी अगुवाई में फुटबॉल फेडरेशन का प्रशासन और प्रबंधन भी लचर है.

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सुप्रीम कोर्ट ने प्रफुल्ल पटेल की अगुवाई वाली कमेटी को हटाने का आदेश दिया है
नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन में राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel ) की अगुवाई वाली कमेटी को हटाने का आदेश दिया है. दिल्ली फुटबॉल क्लब की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश जारी किया गया है. हटाए गए लोगों में पटेल भी शामिल हैं. कोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स को फेडरेशन के दैनिक कामकाज, टूर्नामेंट कराने, खिलाड़ियों के चुनाव के लिए सत्र आयोजित करने  की भी जिम्मेदारी दी है. इसकी अगुआई सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस एआर दवे करेंगे. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि जस्टिस दवे की अगुआई वाली कमेटी में भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी और भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भास्कर गांगुली भी शामिल होंगे. 

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि मौजूदा समिति इस खेल के हित में काम नहीं कर रही है, इसकी अगुवाई में फुटबॉल फेडरेशन का प्रशासन और प्रबंधन भी लचर है. पीठ ने तीन सदस्यीय नई प्रशासक कमेटी को फेडरेशन का कार्यभार लेकर फौरन कोर्ट को अपने इनपुट देने हैं जिससे फेडरेशन अपने उद्देश्यों में कामयाब हो. इसके अलावा फेडरेशन के संविधान और राष्ट्रीय खेल संहिता और दिशा निर्देशिका को लेकर भी सारी चीजें तय की जाएं. इस प्रशासनिक कमेटी के दोनों सदस्य एसवाई कुरैशी और भास्कर गांगुली फेडरेशन की कार्यकारी समिति के चुनाव के मद्देनज़र मतदाता मंडल की सूची भी तैयार करेंगे.  

-कोर्ट ने इस प्रशासक समिति को छूट दी है कि वो अपनी जिम्मेदारी के निर्वाह के सिलसिले में टूर्नामेंट कराने या खिलाड़ियों के चुनाव में विशेषज्ञों से मदद भी ले सकती है. अपने कामकाज के लिए ये प्रशासक समित दिल्ली के द्वारका में स्थित फुटबॉल हाउस या अपनी सुविधा के मुताबिक अन्य जगह से कामकाज कर सकती है. गौरतलब है कि दिल्ली फुटबॉल क्लब ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायत लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. क्लब की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट में 2017 से याचिका लंबित है. फेडरेशन में दशक भर से वही कमेटी अवैध रूप से काबिज है. दस साल पहले फेडरेशन के चुनाव हुए थे, उसके बाद कोई चुनाव नहीं कराए गए.इस मामले की सुनवाई के दौरान खेल मंत्रालय ने अपने हलफनामे में फेडरेशन में प्रफुल्ल पटेल की अगुआई वाली कमेटी को किसी तरह का नैतिक अधिकार न होने की बात कही थी. पटेल अध्यक्ष के तौर पर तीन कार्यकाल पूरे कर चुके हैं.

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