सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें केंद्र सरकार को नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का पालन करने से इनकार करने पर व्हाट्सएप पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश देने की मांग की गई थी. याचिका में मेरिट नहीं होने के कारण जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया.
इस मामले में याचिकाकर्ता ओमानाकुट्टन केजी ने पहले केरल हाई कोर्ट का रुख किया था. याचिका में केंद्र सरकार को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि अगर व्हाट्सएप सरकारी अथॉरिटी द्वारा जारी आदेशों का पालन नहीं करता है तो उसे प्रतिबंधित कर दिया जाए.
केरल हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
ओमानाकुट्टन ने यह याचिका तब दायर की थी, जब व्हाट्सएप ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 (आईटी नियम) को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था.
केरल हाई कोर्ट ने जून 2021 में उस जनहित याचिका को 'समय से पहले' होने के कारण खारिज कर दिया था.
हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता ने क्या कहा था?
हाई कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता ने कहा था कि व्हाट्सएप ने दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष दावा किया था कि वह आईटी नियम, 2021 के अधीन नहीं है क्योंकि ऐप का एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन उसे संदेशों की उत्पत्ति का पता लगाने से रोकता है. हालांकि, व्हाट्सएप की गोपनीयता नीति कहती है कि वह कुछ परिस्थितियों में यूजर्स द्वारा भेजे गए संदेशों को संग्रहित करेगा और उसके पास उनके संपर्कों और अन्य सूचनाओं तक पहुंच भी है. इसके अलावा ऐप में सुरक्षा की कमी है, यह राष्ट्र-विरोधी है और असामाजिक तत्वों से भरा हुआ है जो फर्जी खबरें और तस्वीरें फैलाते हैं.