हाईकोर्ट और निचली अदालतों की संख्या बढ़ाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इंकार

सुप्रीम कोर्ट ने वकील और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है, जिसमें केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हाईकोर्ट और अधीनस्थ अदालतों में न्यायाधीशों की संख्या दोगुनी करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई है.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने उपाध्याय से कहा कि यह किस तरह की प्रार्थना है?
नई दिल्ली:

हाईकोर्ट और निचली अदालतों की संख्या दोगुनी करने की मांग की वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया. CJI ने कहा, हम ऐसा निर्देश नहीं दे सकते, पहले मौजूदा रिक्तियों के लिए जज नियुक्त करने का प्रयास कीजिए. तब आपको पता चलेगा कि यह कितना मुश्किल है. इलाहाबाद में 160 रिक्त पद भरना मुश्किल है, आप 320 की मांग कर रहे हैं? क्या आप बॉम्बे हाईकोर्ट गए हैं? एक भी जज नहीं जोड़ा जा सकता, ढांचागत व्यवस्था ही नहीं है. इस तरह की सामान्य जनहित याचिकाओं पर हम विचार नहीं कर सकते.अधिक जजों को जोड़ना इस समस्या का जवाब नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने वकील और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है, जिसमें केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हाईकोर्ट और अधीनस्थ अदालतों में न्यायाधीशों की संख्या दोगुनी करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई है. CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने उपाध्याय से कहा कि यह किस तरह की प्रार्थना है, जजों की संख्या दुगुनी? यह ऐसा है जैसे संसद कहे कि सभी मामलों को छह महीने में निपटाया जाना चाहिए. आपके द्वारा देखी जाने वाली हर बुराई एक जनहित याचिका दायर करने का कारण नहीं. मौजूदा रिक्तियों पर जजों की नियुक्ति करने का प्रयास करें. तब आपको एहसास होगा कि यह कितना मुश्किल है.

जब उपाध्याय ने अमेरिका में "काफी बेहतर" स्थिति की तुलना की. सीजेआई ने कहा कि अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह की याचिका पर न तो विचार किया होगा और न ही सुना होगा. यहां हम याचिकाओं को उस स्तर तक स्वीकार कर रहे हैं जहां तक ​​हम निष्क्रिय होते जा रहे हैं. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता वकील अश्विनी उपाध्याय  को याचिका वापस लेने की मंज़ूरी दी. दरअसल बीजेपी नेता और वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट और निचली अदालतों में जजों की संख्या दुगनी करने और संसाधन बढ़ाने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Maharashtra Exit Poll: महायुति करेगी वापसी या MVA को मिलेगी सत्ता? | City Center