ED बनाम तमिलनाडु सरकार मामले में कथित अवैध रेत-खनन घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तमिलनाडु सरकार (Tamilnadu) पर सवाल उठाए हैं और पूछा है कि राज्य सरकार कैसे रिट याचिका दाखिल कर सकती है? किस कानून के तहत, क्या ये संघवाद के खिलाफ नहीं. राज्य सरकार कैसे ED समन से व्यथित है? इस मामले में उसका क्या हित है ? सुप्रीम कोर्ट ने ED की याचिका पर तमिलनाडु सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. 26 फरवरी को इस मामले में सुनवाई होगी.
राज्य रिट याचिका कैसे दाखिल कर सकता है....
सुप्रीम कोर्ट ने कथित अवैध रेत-खनन घोटाला मामले में तमिलनाडु के 5 जिला कलेक्टरों को जारी किए गए समन पर रोक लगाने के विरोध में ED की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. सुनवाई के दौरान जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने सवाल उठाए. राज्य रिट याचिका कैसे दायर कर सकता है? किस कानून के तहत? तमिलनाडु राज्य के लिए पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि कानून के तहत कोई रोक नहीं है. राज्य सरकार के खिलाफ ED ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
राज्य की इस मामले में क्या रुचि है- SC
जस्टिस त्रिवेदी ने कहा कि आप हमें इस बात पर संतुष्ट करें कि राज्य की रुचि क्या है और वह रिट याचिका कैसे दायर कर सकता है? राज्य कैसे व्यथित है? हम इस आदेश पर रोक लगाएंगे. धारा 50 प्रारंभिक जांच के लिए हैं, वे जानकारी चाहते हैं. रोहतगी ने कहा कि उन्हें गैर-अनुसूचित अपराधों की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है.
क्या उन्हें जांच एजेंसियों का सहयोग नहीं करना चाहिए : SC
जस्टिस त्रिवेदी ने कहा - क्या उन्हें जांच एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं करना चाहिए? रोहतगी ने कहा कि अगर ईडी बिना अधिकार क्षेत्र के काम कर रहा है तो वे बाध्य नहीं हैं. संघवाद से संबंधित मुद्दे हैं. राज्य के पास यह रिट याचिका दायर करने का आधार क्यों है, ये हम बताएंगे.