हाई कोर्ट से रिटायर्ड जजों को भी मिलेगा 'वन रैंक, वन पेंशन', सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चाहे उनकी प्रारंभिक नियुक्ति का स्रोत कोई भी हो, चाहे वह जिला न्यायपालिका से हो या वकीलों में से, उन्हें प्रति वर्ष न्यूनतम 13.65 लाख रुपये पेंशन दी जानी चाहिए.

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नई दिल्ली:

हाई कोर्ट के रिटायर्ड जजों की पेंशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से रिटायर्ड जजों के लिए ' वन रैंक, वन पेंशन' के आदेश दिये हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चाहे उनकी प्रारंभिक नियुक्ति का स्रोत कोई भी हो, चाहे वह जिला न्यायपालिका से हो या वकीलों में से, उन्हें प्रति वर्ष न्यूनतम 13.65 लाख रुपये पेंशन दी जानी चाहिए.' साथ ही कोर्ट ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए वेतन के साथ-साथ टर्मिनल लाभ भी दिए जाने चाहिए.  

CJI बी आर गवई की बेंच ने फैसले में क्या कहा? 

  • केंद्र सभी न्यायाधीशों के लिए वन रैंक वन पेंशन के सिद्धांत का पालन करेगा, चाहे वे किसी भी उच्च न्यायालय में कार्यरत हों.
  • हम मानते हैं कि सभी सेवानिवृत्त न्यायाधीश, चाहे उनकी नियुक्ति की तिथि कुछ भी हो, पूर्ण पेंशन के हकदार होंगे.
  • हम मानते हैं कि सभी उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को पूर्ण पेंशन मिलेगी.
  • नई पेंशन योजना लागू होने के बाद नियुक्त न्यायाधीशों को देय पेंशन के मामले में हम मानते हैं कि सेवानिवृत्ति के बाद टर्मिनल लाभों के लिए न्यायाधीशों के बीच कोई भी भेदभाव अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा.
  • इस प्रकार हम सभी उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को पूर्ण पेंशन के हकदार मानते हैं, चाहे वे किसी भी समय नियुक्त हुए हों.
  • हम यह भी मानते हैं कि अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में सेवानिवृत्त हुए उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को भी पूर्ण पेंशन मिलेगी तथा न्यायाधीशों और अतिरिक्त न्यायाधीशों के बीच कोई भी भेद करना  अन्याय होगा.

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