नंबी नारायणन मामला: SC ने केरल के पूर्व पुलिस अफसरों की भूमिका की CBI जांच के दिए आदेश

जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने सुनवाई की. दरअसल नंबी नारायणन के मामले में जस्टिस डीके जैन कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन नंबी नारायण ने अर्जी में केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यू और अन्य पर कार्रवाई की मांग की है
नई दिल्ली:

इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केरल के पूर्व पुलिस अफसरों की भूमिका की CBI जांच के आदेश दिए. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर SC ने यह फैसला किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पैनल की रिपोर्ट पर पहली नजर में आगे जांच की जरूरत है. ऐसे में CBI को यह तय करना है कि रिपोर्ट के अनुसार प्रारंभिक जांच दर्ज की जाए या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट सीबीआई को सौंप दी जाए, आगे वह तय करेंगे कि इस मामले में क्या कदम उठाएंगे. SC ने कहा कि CBI को यह तय करना है कि रिपोर्ट के अनुसार प्रारंभिक जांच दर्ज की जाए या नहीं. मीडिया से रिपोर्ट साझा न करने के निर्देश दिए गए हैं.

पद्म पुरस्कार पर बोले पूर्व इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायणन, खुश हूं कि आखिरकार...

जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने सुनवाई की. दरअसल नंबी नारायणन के मामले में जस्टिस डीके जैन कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इसी सीलबंद रिपोर्ट पर विचार किया. नंबी ने अपनी अर्जी में केरल के पूर्व एडीजीपी सिबी मैथ्यू और वरिष्ठ पुलिस अफसर के के जोशुआ और एस विजयन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. 2018 में जासूसी कांड में दोषमुक्त किए गए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन को बड़ी राहत मिली थी. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व वैज्ञानिक को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था. नंबी को फंसाने के मामले में केरल के पुलिस अफसरों की भूमिका को लेकर न्यायिक कमेटी का गठन किया गया था.कमेटी की अध्यक्षता पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस डीके जैन को सौंपी गई थी. इससे पहले, नंबी नारायण की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. नंबी नारायण ने अपनी अर्जी में केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यू और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. 

इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन को अनावश्यक रूप से गिरफ्तार कर मानसिक यातना दी गयी : सुप्रीम कोर्ट

Advertisement

दरअसल, सिबी मैथ्यू ने ही इस जासूसी कांड की जांच की थी. नंबी नारायणन ने केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि डीजीपी सिबी मैथ्यू और दो रिटायर्ड पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की कोई जरूरत नहीं है. इन अफसरों को सीबीआई ने नंबी की गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार बताया था. 1998 में सुप्रीम कोर्ट ने जासूसी मामले में मुक्त होने के बाद नंबी को एक लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया था. बाद में नंबी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया और राज्य सरकार से मुआवजे की मांग की थी. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मार्च 2001 में नंबी नारायणन को दस लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया था. 

Advertisement

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है. नंबी नारायणन देश के प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं जिन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है.जस्टिस खानविलकर ने कहा कि हमने वह रिपोर्ट देखी है, रिपोर्ट के आधार के पर एक्शन लेना होगा. समिति ने रिपोर्ट में कहा है कि यह एक गंभीर मुद्दा है जिसे आगे की जांच की जरूरत है. लिहाजा सीबीआई कानून के मुताबिक आगे बढ़ेगी. जस्टिस खानविलकर ने कहा कि कमेटी का उद्देश्य केवल न्यायालय को यह निर्णय लेने में सहायता करना था कि क्या आगे की जांच की आवश्यकता है सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जांच कर तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करे. इसके साथ ही पैनल की रिपोर्ट किसी से भी साझा न करने के आदेश दिए गए हैं.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Jhansi Medical College के शिशु वार्ड में लगी भीषण आग | Breaking News | NDTV India