Exclusive: मां-पिता बनाना चाहते थे CA, लेकिन चाचा के दिखाए रास्ते पर क्यों चल पड़े जस्टिस संजीव खन्ना? अब बनेंगे CJI

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) 10 नवंबर को रिटायर होने जा रहे हैं. उनकी जगह अब सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज जस्टिस संजीव खन्ना भारत के मुख्य न्यायाधीश होंगे. जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवंबर को नए CJI की शपथ लेंगे. उनका कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का रहेगा.

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जस्टिस संजीव खन्ना 18 जनवरी 2019 को वो भारत के सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में प्रमोट किए गए थे.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के सीनियर जज जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjeev Khanna) देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनने जा रहे हैं. वो 11 नवंबर को CJI के तौर पर शपथ लेंगे. जस्टिस संजीव खन्ना की मां सरोज खन्ना लेडी श्रीराम कॉलेज में लेक्चरर थीं, जबकि पिता देवराज खन्ना वकील थे. वो बाद में दिल्ली हाईकोर्ट के जज बनें. जस्टिस संजीव खन्ना के मां और पिता उन्हें चार्टेड अकाउंटेंट बनाना चाहते थे. परिवार का मानना था कि वकालत में बहुत संघर्ष और मेहनत है. लेकिन, अपने चाचा और लीजेंड्री जज जस्टिस हंसराज खन्ना से प्रभावित होकर संजीव खन्ना ने वकालत का रास्ता चुना. उसी रास्ते पर आगे बढ़ते हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने अब देश के मुख्य न्यायाधीश बनने तक का सफर तय किया है.

लीजेंड्री जस्टिस हंसराज खन्ना ने 1976 में ADM, जबलपुर बनाम शिवकांत शुक्ला, (1976) के "हैबियस कॉरपस मामले" में एकमात्र असहमतिपूर्ण निर्णय सुनाया था. इसके बाद तत्कालीन इंदिरा गांधी की सरकार ने वरिष्ठतम जज जस्टिस हंसराज खन्ना की वरिष्ठता दरकिनार कर जस्टिस एमएच बेग को जनवरी 1977 में देश का चीफ जस्टिस दिया था. जिसके बाद जस्टिस हंसराज खन्ना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

चाचा को अपना आदर्श मानते हैं जस्टिस संजीव खन्ना
जस्टिस संजीव खन्ना से जुडे़ सूत्रों ने NDTV को बताया, "संजीव खन्ना हमेशा से ही अपने चाचा जस्टिस एचआर खन्ना को आदर्श मानते रहे. वो उनके कामकाज पर नजर रखते थे. संजीव खन्ना ये बात नोटिस करते थे कि किस तरह जस्टिस एचआर खन्ना न सिर्फ अपने, बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों के जूते भी पॉलिश कर देते थे. साथ ही वो अपने कपड़े भी खुद धोते थे."

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सूत्रों ने आगे बताया कि जस्टिस खन्ना के न्यायिक कामकाज से प्रभावित संजीव खन्ना ने उनके सारे जजमेंट नोट्स, रजिस्टर वगैरह आज भी संभालकर रखे हैं. वो इन नोट्स को समय-समय पर देखते रहते हैं. जस्टिस खन्ना चाहते हैं कि ये सब नोट्स वो सुप्रीम कोर्ट लाइब्रेरी या म्यूजियम में दे दें.


 
चाचा ने जहां लिया रिटायरमेंट उसी कोर्टरूम में शुरू किया काम

ये भी सुखद संयोग रहा कि जस्टिस संजीव खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में 18 जनवरी 2019 को शपथ लेने के बाद अपना पहला दिन उसी कोर्टरूम- 2 से शुरू किया, जहां से उनके चाचा जस्टिस एच आर खन्ना ने रिटायरमेंट लिया था. इस कोर्टरूम में जस्टिस एचआर खन्ना की तस्वीर भी लगी है.

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जस्टिस संजीव खन्ना के लिए ये भी भावुक बात रही कि पिछले दो साल से वो इसी कोर्टरूम में वरिष्ठता में दूसरे नंबर के जज होने के नाते अपने चाचा की तस्वीर को प्रणाम कर अदालती कार्रवाई की शुरुआत करते रहे. 

13 मई 2025 को होंगे रिटायर
सूत्रों ने NDTV को बताया कि जस्टिस संजीव खन्ना ने इस दौरान कभी भी अपने चाचा जस्टिस एचआर खन्ना की तस्वीर के साथ अपनी फोटो नहीं ली. उनके मन में है कि CJI के पद से रिटायर होने से पहले वो उनकी तस्वीर के साथ अपनी फोटो खिंचवाएं. जस्टिस संजीव खन्ना 13 मई 2025 को CJI के पद से रिटायर होंगे.

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कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना?
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को दिल्ली में हुआ था. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की. 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में वकील के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन कराया. यहीं से उनकी कानूनी सफर की शुरुआत हुई. जस्टिस संजीव खन्ना पहले दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस करते थे. फिर उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में प्रमोट किया गया. 

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14 साल तक दिल्ली हाईकोर्ट के रहे जज
जस्टिस खन्ना 14 साल तक दिल्ली हाईकोर्ट में जज रहे. 2005 में एडिशनल जज और 2006 में स्थायी जज बने. जस्टिस संजीव खन्ना 18 जनवरी 2019 को वो भारत के सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में प्रमोट किए गए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष पद का कार्यभार 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक संभाला. इस समय वे राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य भी हैं.

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