वर्ष 2017 में विजय माल्या (Vijay Mallya)को अदालत की अवमानना का मामला का दोषी ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने कहा था कि माल्या की सजा पर फैसला प्रत्यर्पण के बाद होगा? केंद्र को कहा था कि जब माल्या को भारत लाया जाए तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाए. दरअसल, बैंकों से लोन को लेकर डिफाल्टर हुए किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या की सजा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की थी. सुप्रीम कोर्ट को आज ये तय करना है कि अवमानना के मामले में माल्या को कितनी सजा दी जाए? सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद माल्या कोर्ट में पेश नही हुए थे. इतना ही नहीं, सुनवाई के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कोई भी वकील कोर्ट में पेश नही हुआ था.
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इससे पहले 9 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को कोर्ट की अवमानना का दोषी माना था क्योंकि उन्होंने संपत्ति का पूरा ब्योरा नहीं दिया था. कोर्ट ने 10 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था. दरअसल 9 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या के खिलाफ अदालत की अवमानना और डिएगो डील से माल्या को मिले 40 मिलियन यूएस डॉलर पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था. बैंकों ने मांग की है कि 40 मिलियन यूएस डॉलर जो डिएगो डील से मिले थे, उनको सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कराया जाए. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने माल्या से पूछा था कि आपने जो कोर्ट में अपनी सम्पतियों के बारे में जानकारी दी थी वो सही है या नहीं ? क्या आपने कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन तो नहीं किया ? क्योंकि कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि माल्या बिना कोर्ट के अनुमति कोई भी ट्रांजेक्शन नहीं कर सकते.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि माल्या के खिलाफ कोर्ट के आदेश को कैसे लागू किया जा सकता है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि माल्या को वापस लाने की कोशिश की जा रही है. वहीं SBI ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि माल्या पर 9200 करोड़ रुपये का बकाया है. बैकों ने कहा- माल्या की याचिका पर सुनवाई नहीं होनी चाहिए क्योंकि वह बार-बार कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं. विजय माल्या ने कोर्ट में कहा था कि उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वे 9200 करोड़ रुपये बैंक के कर्ज़ को अदा कर पाएं, क्योंकि उनकी सभी सम्पत्तियों को पहले ही जब्त कर लिया गया है.