लोकसभा और विधानसभा चुनावों में फ्रीबीज (चुनावी रेवड़ियों) के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. इस मामले को अन्य याचिकाओं के साथ जोड़ा गया है. याचिकाकर्ता ने मांग की है कि विधानसभा या आम चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा विशेष रूप से नकदी के रूप में मुफ्त उपहारों का वादा करना रिश्वत देना करार दिया जाए. कर्नाटक के निवासी शशांक जे श्रीधर ने ये याचिका दाखिल की है.
याचिकाकर्ता के वकील की क्या दलील
याचिकाकर्ता के वकील बालाजी श्रीनिवासन ने सोमवार को CJI डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने इस मामले के उठाया. उन्होंने कहा कि विधानसभा या आम चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा विशेष रूप से नकदी के रूप में मुफ्त उपहारों का वादा करना, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत ऐसे राजनीतिक दल के उम्मीदवार के लिए रिश्वत या वोट के लिए प्रलोभन माना जाए.
इस मामले की सुनवाई में अदालत ने क्या कहा
इसके साथ ही अदालत चुनाव आयोग को निर्देश जारी करे कि वो चुनाव-पूर्व अवधि के दौरान राजनीतिक दलों को फ्रीबीज का वादा करने से रोकने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाए. पीठ ने इस मामले में नोटिस जारी किया और अन्य लंबित याचिका के साथ टैग कर दिया. साथ ही याचिकाकर्ता को ये छूट दी है कि वो सभी याचिकाओं पर जल्द सुनवाई के लिए मेंशन कर सकते हैं.