एयरपोर्ट्स पर सेफ्टी सिस्‍टम मामले में SC की दोटूक, 'EMAS की स्‍थापना जैसे मुद्दों का समाधान क्‍यों नहीं करते'

याचिकाकर्ता, एक रिटायर इंजीनियर राजेन मेहता (Rajen Mehta) ने कोच्चि एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस की दुर्घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

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SC ने केंद्र से याचिकाकर्ता के साथ बैठक करने और सुझावों पर विचार करने को कहा है (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्ली:

मेंगलौर और कोच्चि के रनवे पर विमानों के फिसलने का मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र से कहा है आप एयरपोर्ट्स पर EMAS (इंजीनियर सामग्री व्यवस्थापन प्रणाली) की स्थापना जैसे मुद्दों का समाधान क्यों नहीं करते. SC ने केंद्र सरकार (Central Government) से कहा कि वह याचिकाकर्ता के साथ बैठक करे और याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार करे. गौरतलब है कि याचिकाकर्ता, एक रिटायर इंजीनियर राजेन मेहता (Rajen Mehta) ने कोच्चि एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस की दुर्घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. उन्‍होंने तर्क दिया कि कि एयरपोर्ट्स पर इंजीनियर मटेरियल्स अरेस्टर सिस्टम (EMAS) स्थापित करने के लिए वर्षों से जानबूझकर चूक हुई थी जो मंगलुरु और कोच्चि जैसे कमजोर एयरपोर्ट पर प्‍लेन्‍स को फिसलने से रोकता है.

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मुख्य न्यायाधीश ने केंद्र की वकील ऐश्वर्या भट्टी से कहा कि आप मुद्दों का जवाब क्यों नहीं देते हैं, यह विमान में होने वाले लोगों के लिए खतरा है. विशेष रूप से मैंगलोर में हवाई अड्डा विशेषज्ञों के अनुसार उतरने के लिए खतरनाक है.आप पता क्यों नहीं कर रहे हैं?  यह जनहित का मामला है. SC ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह याचिकाकर्ता के साथ बैठक करे और दो माह के भीतर उसके सुझावों की जांच करे. दो महीने के बाद मामले को सुना जाएगा.

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