INS विराट (INS Viraat) से जुडे मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने संकेत दिया कि वह इस ऐतिहासिक युद्धपोत के तोड़ने पर लगाई रोक हटा सकता है. हालांकि SC ने मुंबई की याचिकाकर्ता कंपनी को पर्यवेक्षण रिपोर्ट पर गौर करने को कहा है. मामले पर सुप्रीम कोर्ट एक हफ्ते बाद सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश (CJI) एसए बोबडे ने कहा कि अब जहाज एक निजी संपत्ति है और इसे 40 फीसदी तोड़ा जा चुका है, ऐसे में इसे युद्धपोत का दर्जा नहीं दिया जा सकता. विराट को खरीदने वाली कंपनी की ओर ये कहा गया कि विराट को पहले ही 40 फीसदी तोड़ा जा चुका है.
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इससे पहले, 10 फरवरी को नौसेना से हटाए गए ऐतिहासिक युद्धपोत INS विराट को सुप्रीम कोर्ट ने तोड़ने पर रोक लगाई थी. शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही खरीदने वाले को नोटिस जारी किया था. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया है कि एक ग्रुप भविष्य के लिए इसे संरक्षित करना चाहता है और खरीदार को 100 करोड़ रुपये की पेशकश की गई है. खरीदार ने इसे कबाड़ बनाने के लिए खरीदा है. याचिकाकर्ता ने कहा था कि तोड़ने से अच्छा है कि इसे म्यूजियम में तब्दील कर दिया जाए.
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गौरतलब है कि विमान वाहक पोत विराट को 1987 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और वर्ष 2017 में इसे नौसेना से हटा दिया गया था. बाद में इसे एक ग्रुप ने इसी साल नीलामी में 38.54 करोड़ रुपये में खरीद लिया था. भारतीय समुद्री विरासत के प्रतीक इस युद्धपोत को जहाज तोड़ने वाले यार्ड, गुजरात के अलंग में पहुंचाया गया था.