ड्रग्स केस में अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया (Bikram Majithia) की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 23 फरवरी तक रोक लगा दी है. SC ने मजीठिया को 20 फरवरी को होने वाले पंजाब चुनाव तक राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा कि मजीठिया को चुनाव लड़ने और प्रचार की इजाजत दी जाए.CJI एन वी रमना ने पंजाब सरकार को नसीहत देते हुए चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ आपराधिक मामले शुरू करने से परहेज करने को कहा है. CJI ने पंजाब के वकील पी. चिदंबरम से कहा, 'ये दुखद बात है कि चुनाव शुरू होते ही ये सब शुरू हो जाता है. हम ये कह नहीं रहे कि पंजाब पुलिस ड्रग्स माफिया पर शिकंजा ना कसे लेकिन उनको चुनाव लड़ने और प्रचार करने की इजाजत दी जानी चाहिए. हमारे पास एक और अग्रिम जमानत केस आया है जिस पर मंगलवार को सुनवाई है.' इससे पहले, मजीठिया की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा, 'ये राजनीतिक प्रतिशोध का क्लासिक मामला है. अचानक चुनाव से पहले ये कार्यवाही की गई. उनका किसी ड्रग्स माफिया से कोई लेना देना नहीं है. वहीं पंजाब की ओर से वकील पी चिदंबरम ने कहा,' पहले इस केस में कुछ नहीं हुआ क्योंकि आरोपी खुद सरकार में था.'
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CJI ने कहा, 'हम राज्य के आचरण के बारे में सवाल पूछना चाहते हैं.आज सुबह भी एक राजनीतिक नेता सिमरजीत सिंह ने याचिका दायर की है. उनका यह भी कहना है कि चुनाव के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. चुनाव से ठीक पहले अचानक आपराधिक मामले सामने आ रहे हैं. हम राज्य पुलिस से हाथ रोकने और ड्रग माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को कह रहे हैं, चुनाव होने दीजिए.' चिदंबरम ने कहा, 'यह राजनीतिक मामला नहीं है. यह एक ऐसा मामला है जिस पर हाईकोर्ट द्वारा लगातार नजर रखी जा रही है. हमें हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि उनको ब्लैक होल में फेंक देना चाहिए.' CJI ने मजीठिया के वकील से कहा, 'यह आपके हिसाब से एक आपातकालीन स्थिति है. आप चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार हैं और चुनाव लड़ना चाहते हैं.' इससे पहले, गुरुवार को मजीठिया को कुछ राहत मिल गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को 31 जनवरी तक उनके खिलाफ कठोर कदम न उठाने के निर्देश दिए थे. मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई को भी तैयार हो गया था.
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मजीठिया की ओर से मुकुल रोहतगी ने CJI एन वी रमना से जल्द सुनवाई की मांग की थी. साथ ही बताया कि हाईकोर्ट का अंतरिम संरक्षण खत्म हो जाएगा, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट इन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण दे. उन्हें पुलिस स्टेशन बुलाया गया है, यह सब चुनावी बुखार के कारण है. CJI ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा था, 'चुनावी बुखार या चुनावी वायरस?'वहीं पंजाब सरकार की ओर से पेश पी चिदंबरम ने इसका विरोध किया था. HC ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. इसके बाद वह छिपे हुए हैं .हालांकि CJI ने कहा कि पंजाब सरकार सोमवार तक कोई कठोर कार्यवाही न करें. शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता बिक्रम मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले सोमवार को खारिज कर दिया था. साथ ही तीन दिन का संरक्षण भी दिया था. एक ड्रग्स मामले में गिरफ्तारी से उनकी अंतरिम सुरक्षा समाप्त होने के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है. अदालत ने 18 जनवरी को पूर्व मंत्री को अंतरिम सुरक्षा 24 जनवरी तक बढ़ा दी थी. मजीठिया के खिलाफ 20 दिसंबर को ड्रग्स के एक मामले में कथित संलिप्तता के लिए पंजाब पुलिस द्वारा नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. हाईकोर्ट ने 10 जनवरी को उन्हें अग्रिम जमानत देते हुए मामले की जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था. मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने उसके खिलाफ दर्ज मामले के संबंध में दो घंटे से अधिक समय तक उससे पूछताछ की थी.