ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन बालाकोट में हिस्सा लेने वाली वायुसेना की विंग कमांडर को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने वायु सेना की महिला अफसर (Wing Commender) को सेवा पर बनाए रखने का निर्देश दिया है. मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने कहा इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारी वायुसेना सर्वश्रेष्ठ है और ये अधिकारी सराहनीय हैं.
विंग कमांडर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
भारतीय वायुसेना की महिला विंग कमांडर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर महिला अधिकारी को पद पर बनाए रखने का निर्देश दिया है. बता दें कि स्थायी कमीशन से इनकार किए जाने के बाद अधिकारी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
'सेना को हमेशा सलाम करते हैं'
ASG ऐश्वर्या भाटी ने भी कहा कि तीनों रक्षा बल सबसे पेशेवर हैं. वहीं जस्टिस कांत ने उनसे सहमति जताते हुए कहा 'बिल्कुल'. उन्होंने जिस तरह का समन्वय दिखाया है, वह बेजोड़ है इसलिए, हम हमेशा उन्हें सलाम करते है. ये अधिकारी निश्चित रूप से राष्ट्र के लिए बड़ी संपत्ति हैं, वास्तव में, वे एक तरह से राष्ट्र हैं. उनकी वजह से ही हम रात में भी देख पाते हैं.
क्या है विंग कमांडर मामला?
ASG ऐश्वर्या भाटी ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि महिला अधिकारी को बोर्ड ने अयोग्य पाया था. इसके पीछे तर्क दिया गया था कि सेना को युवा बनाए रखा जाए. सवाल तुलनात्मक योग्यता का है.
विंग कमांडर को सेवा जारी रखने के निर्देश
जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा कि महिला अधिकारी को कुछ समय तक काम जारी रखने दिया जाए. पक्षकारों के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना और उनके पक्ष में कोई इक्विटी बनाए बिना उन्हें पद पर बने रहने की अनुमति दी जाए.