पूर्व IPS अफसर प्रदीप शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. साल 2023 के कच्छ के भुज में अवैध भूमि आवंटन मामले में उनकी जमानत अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए गुजरात हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार किया. बता दें कि पिछले साल हाईकोर्ट ने भी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. अपना फैसला सुनाते हुए जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा, हमें आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई अच्छा कारण नहीं मिला. इसलिए अपील खारिज की जाती है. ये याचिका गुजरात हाईकोर्ट द्वारा पिछले साल मार्च में उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती देते हुए दायर की गई थी.
उच्च न्यायालय ने शर्मा के पक्ष में अनिच्छा व्यक्त की, क्योंकि उनके उच्च सरकारी पद पर रहने के दौरान उनके खिलाफ इसी तरह के अपराधों के लिए कई FIR दर्ज की गई थीं. शर्मा पर कच्छ जिले के तत्कालीन कलेक्टर के रूप में निजी फायदे के लिए सरकारी भूमि के कथित अवैध आवंटन के लिए भ्रष्टाचार और आपराधिक विश्वासघात का आरोप है. उनके खिलाफ 2023 में FIR दर्ज की गई थी. इसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 217, 120 बी, 114 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 (सी) की धाराएं लगाई गई थीं. मामले की जांच CID क्राइम बोर्डर जोन कर रही है.