शादी का झूठे वादा करके रेप के मामले दर्ज कराने की बढ़ती प्रवृत्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता

जस्टिस एमएम सुंदरेश और राजेश बिंदल की पीठ सुप्रीम कोर्ट  एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने उस महिला द्वारा लगाए गए बलात्कार के आरोपों को खारिज करने की मांग की थी, जिसकी उससे सगाई हुई थी.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

शादी का झूठा वादा करके बलात्कार के मामले दर्ज कराने की बढ़ती प्रवृत्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है. कोर्ट ने कहा कि गलत हो चुके रोमांस और जोड़े के टूटने के मामले में आदर्श रूप से महिलाओं द्वारा बलात्कार के मामले दर्ज नहीं किए जाने चाहिए. खासकर समाज में बदलते नैतिक मूल्यों के मद्देनजर ये नहीं होना चाहिए. जस्टिस एमएम सुंदरेश और राजेश बिंदल की पीठ सुप्रीम कोर्ट  एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने उस महिला द्वारा लगाए गए बलात्कार के आरोपों को खारिज करने की मांग की थी, जिसकी उससे सगाई हुई थी. महिला ने कहा कि शादी का झूठा वादा करके उसके साथ यौन संबंध बनाए गए.

पीठ ने कहा कि  अगर आप इतनी भोली होती तो हमारे सामने नहीं आती. तुम बालिग हो. ऐसा नहीं हो सकता कि आपको यह विश्वास दिलाकर धोखा दिया गया हो कि  शादी हो जाएगी. पूरे सम्मान के साथ आज नैतिकता, सद्गुणों की अवधारणा युवाओं के बीच अलग है. अगर हम आपकी बात से सहमत हैं तो कॉलेज आदि में लड़के और लड़की के बीच कोई भी रिश्ता दंडनीय हो जाएगा. मान लीजिए कि वे एक-दूसरे से प्यार करते हैं और लड़की विरोध करती है और लड़का कहता है कि मैं अगले हफ्ते  शादी करूंगा और फिर वह मना कर देता है तो यह फिर से अपराध है. ऐसे मामले अक्सर रूढ़िवादी मानसिकता का नतीजा होते हैं.

कोर्ट ने आगे कहा कि रूढ़िवादी मानसिकता काम करती है, क्योंकि यहां पुरुष को दोषी ठहराया जाता है. हमारी व्यवस्था में खामियां हैं. कई बार लड़की अपने ससुराल वालों के खिलाफ 5 केस कर देती हैं. आप हमसे जो भी टिप्पणी चाहते हैं या हाई कोर्ट की टिप्पणी को रद्द करना चाहते हैं.

Featured Video Of The Day
Mumbai Airport पर Customs की रेड, 44 किलो हाइड्रोपोनिक वीड जब्त, 44 करोड़ की स्मगलिंग | BREAKING
Topics mentioned in this article