सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: संपत्ति रजिस्ट्रेशन में ब्लॉकचेन तकनीक के इस्तेमाल पर विचार करे लॉ कमीशन

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि आज भी संपत्ति के रजिस्ट्रेशन का ढांचा विश्वास की जगह विवादों पर आधारित है. तकनीक के माध्यम से हमें इस प्रणाली को भरोसेमंद बनाना होगा. 

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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक आदेश जारी करते हुए कहा कि देश में संपत्ति के रजिस्ट्रेशन और स्वामित्व निर्धारण की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए.  जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में संपत्ति के स्वामित्व को लेकर असमंजस और विवाद बने रहते हैं. इसलिए अब समय आ गया है कि भारत “कॉनक्लूसिव टाइटलिंग सिस्टम” की दिशा में कदम बढ़ाए. 

कोर्ट ने इस दिशा में आगे की कार्ययोजना तैयार करने के लिए लॉ कमीशन ऑफ इंडिया को अध्ययन करने और सिफारिशें देने का निर्देश दिया है. लॉ कमीशन को यह देखना होगा कि ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से रजिस्ट्रेशन और भूमि अभिलेखों की प्रणाली को कैसे सुरक्षित, पारदर्शी और छेड़छाड़-रहित बनाया जा सकता है. यह आदेश “सामीउल्लाह बनाम बिहार राज्य” मामले में दिया गया, जिसमें संपत्ति स्वामित्व विवाद के दौरान अदालत ने मौजूदा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की खामियों को रेखांकित किया.

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि आज भी संपत्ति के रजिस्ट्रेशन का ढांचा विश्वास की जगह विवादों पर आधारित है. तकनीक के माध्यम से हमें इस प्रणाली को भरोसेमंद बनाना होगा. 

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट का यह कदम देश में भूमि स्वामित्व विवादों को कम करने और रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है.

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