बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकालने के अभियान पर रोक नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने क्यों खारिज की याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर राज्यों से जवाब मांगा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि बंगाली मुसलमानों को राज्य पुलिस द्वारा केवल इस संदेह पर बेतरतीब ढंग से उठाया जा रहा है कि वे बांग्लादेशी विदेशी नागरिक हैं.

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(फाइल फोटो)
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  • सुप्रीम कोर्ट ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ अभियान पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार किया है
  • कोर्ट ने कहा कि अवैध घुसपैठियों को हिरासत में न लेने पर वे आसानी से गायब हो जाएंगे
  • पश्चिम बंगाल प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड की याचिका पर सभी राज्यों को नोटिस जारी किया गया है
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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने भारत में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ अभियान पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, अगर कोई घुसपैठिया अवैध रूप से आएगा तो क्या होगा? अगर आप उन्हें हिरासत में नहीं लेगें तो इस दीवार पर लिखा है कि वे गायब हो जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो इस मामले में जल्द ही सुनवाई करेगा. 

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण के माध्यम से पश्चिम बंगाल प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा दायर याचिका पर सभी राज्यों को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर राज्यों से जवाब मांगा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि बंगाली मुसलमानों को राज्य पुलिस द्वारा केवल इस संदेह पर बेतरतीब ढंग से उठाया जा रहा है कि वे बांग्लादेशी विदेशी नागरिक हैं.

याचिकाकर्ताओं की ओर से प्रशांत भूषण ने कहा, कोई भी पुलिस किसी व्यक्ति को सिर्फ विदेशी होने के संदेह पर हिरासत में नहीं ले सकती. सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीयता सत्यापन के दौरान बंगाली मुस्लिम प्रवासियों की हिरासत पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार करते हुए टिप्पणी की कि अगर कोई घुसपैठिया अवैध रूप से घुस आए तो क्या होगा? अगर आप उन्हें हिरासत में नहीं लेंगे, तो यह तय है कि वे गायब हो जाएंगे.

पश्चिम बंगाल प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड ने बंगाली प्रवासी श्रमिकों को कथित तौर पर हिरासत में लेने और बांग्लादेश वापस भेजने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ मामले की सुनवाई कर रही थी. वकील प्रशांत भूषण ने कहा, सत्यापन से पता चलता है कि वे भारतीय नागरिक हैं. कुछ मामलों में, जब बांग्लादेश ने कहा कि वे हमारे नागरिक नहीं हैं, तो लोगों को वापस लाया गया.

जस्टिस कांत ने कहा, आप जिन निर्देशों की मांग कर रहे हैं, उनका पालन कैसे किया जा सकता है? मान लीजिए कोई व्यक्ति अवैध रूप से भारत आया है, तो उस स्थिति से कैसे निपटा जाए? अगर उसे हिरासत में नहीं लिया गया, तो वह गायब हो जाएगा वास्तविक श्रमिकों के लिए किसी व्यवस्था की आवश्यकता है या तो मूल राज्य किसी प्रकार का कार्ड जारी कर सकता है और स्थानीय पुलिस इसे प्रथम दृष्टया उसके आजीविका के लिए आने के प्रमाण के रूप में स्वीकार कर सकती है.

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