जमानत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने की नए कानून की वकालत

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि ‘बेल एक्ट’ की तर्ज़ पर कोई विशेष कानून बनाने पर सरकार को विचार करना चाहिए.  केंद्र को आरोपी की रिहाई को कारगर बनाने के लिए जमानत देने पर कानून बनाने पर विचार करने का निर्देश दिया  गया है. SC ने सभी हाईकोर्ट को उन विचाराधीन कैदियों को खोजने का निर्देश दिया जो जमानत की शर्तों का पालन करने में असमर्थ हैं.

विज्ञापन
Read Time: 14 mins
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने के मुद्दे पर नए कानून की वकालत की.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि ‘बेल एक्ट' की तर्ज़ पर कोई विशेष कानून बनाने पर सरकार को विचार करना चाहिए.  सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिकाओं के निपटारे के लिए समय-सीमा की जरूरत दोहराई है.  केंद्र को आरोपी की रिहाई को कारगर बनाने के लिए जमानत देने पर कानून बनाने पर विचार करने का निर्देश दिया  गया है. SC ने सभी हाईकोर्ट को उन विचाराधीन कैदियों को खोजने का निर्देश दिया जो जमानत की शर्तों का पालन करने में असमर्थ हैं. उनकी रिहाई को सुविधाजनक बनाने के लिए उचित कार्रवाई करने को भी कहा है.

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि हाईकोर्ट को विशेष अदालतों की आवश्यकता को लेकर प्रयास करने चाहिए.  इस मसले पर विशेष अदालतों में पीठासीन अधिकारियों के रिक्त पदों को शीघ्रता से भरने का भी आह्वान किया गया.  

SC ने सभी राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और हाईकोर्ट को चार महीने में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जमानत आवेदनों का निपटारा 2 सप्ताह के भीतर किया जाए, सिवाय इसके कि जब प्रावधान अन्यथा अनिवार्य हों. अग्रिम जमानत के लिए आवेदनों को हस्तक्षेप करने वाले आवेदन के अपवाद के साथ 6 सप्ताह के भीतर निपटाए जाने की उम्मीद जताई.

Advertisement

जस्टिस एस के कौल और जस्टिस एम एम सुंदरेश की बेंच ने ये कदम उठाया है. CBI द्वारा एक व्यक्ति की गिरफ्तारी से संबंधित मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किए हैं

Advertisement
Featured Video Of The Day
CM Yogi का बड़ा Action, Nepal Border से सटे जिलों में अवैध कब्जों पर चला बाबा का बुलडोजर | 5 Ki Baat
Topics mentioned in this article