किसानों के विरोध के चलते हाईवे जाम करने के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाली

मंगलवार को मामले को लेकर सुनवाई शुरू हुई तो हरियाणा सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एक हफ्ते सुनवाई टालने की मांग की. मेहता ने कहा कि हालात बदलने के कारण अब निर्देश लेने की जरूरत है.

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नई दिल्‍ली:

किसानों के विरोध  (Farmers Protest) के चलते हाइवे जाम करने के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court)ने सुनवाई 11 जनवरी तक टाल दी है. जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम एम सुंदरेश की बेंच यह सुनवाई कर रही है. मंगलवार को मामले को लेकर सुनवाई शुरू हुई तो हरियाणा सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एक हफ्ते सुनवाई टालने की मांग की. मेहता ने कहा कि हालात बदलने के कारण अब निर्देश लेने की जरूरत है. किसान संगठनों की ओर से प्रशांत भूषण ने भी जनवरी में सुनवाई करने की मांग की. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टालने का फैसला लिया, अब इस मामले में 11 जनवरी 2022 को सुनवाई होगी. 

गौरतलब है कि इससे पहले की सुनवाई में, कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध के चलते हाइवे जाम करने के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने संयुक्त किसान मोर्चा के 43 किसान संगठनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया था कि अदालत ने इस मामले में पहले व्यवस्था दी है.ऐसे में सरकार हमसे ये ना कहे कि हम नहीं कर पा रहे हैं. हाईवे और सड़कों को जाम नहीं किया जाना चाहिए.कानून पहले ही निर्धारित किया जा चुका है, हम इसे बार-बार नहीं दोहरा  सकते. इसे लागू करना कार्यपालिका का कर्तव्य है.जस्टिस एस के कौल ने कहा था कि न्यायपालिका कार्यपालिका पर अतिक्रमण नहीं कर सकती. किसानों को शिकायत हो सकती है लेकिन सड़क पर फंसी जनता को भी उनसे शिकायत है. किसानों की शिकायतों के निवारण के उचित न्यायिक मंच और अन्य विकल्प हैं लेकिन ये अवरोध बार-बार नहीं हो सकते. 

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