सुप्रीम कोर्ट ने सात लोगों की हत्या के मामले में मौत की सजा पाने वाले को किया रिहा

सुप्रीम कोर्ट ने (Supreme court) ने 1994 में पुणे में पांच महिलाओं और दो बच्चों की हत्या (Muder) करने के दोष में मौत की सजा (Death Penalty) पाने वाले को रिहा करने का आदेश दिया है.कोर्ट ने पाया कि अपराध के वक्त दोषी व्यक्ति नाबालिग था.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
सात हत्या के दोष में मौत की सजा पाने वाले को सुप्रीम कोर्ट ने किया रिहा.
नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय(Supreme court) ने 1994 में पुणे में पांच महिलाओं और दो बच्चों की हत्या (Muder) करने के दोष में मौत की सजा (Death Penalty) पाने वाले एक व्यक्ति को सोमवार को रिहा करने का आदेश दिया है क्योंकि शीर्ष अदालत ने पाया कि अपराध के वक्त दोषी व्यक्ति नाबालिग (Minor) था. न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि यह अदालत जांच करने वाले न्यायाधीश (इंक्वायरिंग जज) की रिपोर्ट को स्वीकार करती है, इसमें दोषी नारायण चेतनराम चौधरी के अपराध के वक्त किशोर (नाबालिग) होने के दावे की जांच की गई थी.

उन्होंने कहा, ‘‘हम घोषित करते हुए कि राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय, बीकानेर द्वारा 30 जनवरी, 2019 को जारी प्रमाणपत्र में लिखी जन्म तिथि को यह तय करने के लिए स्वीकार किया जाता है कि अपराध के वक्त उसकी उम्र 12 साल थी.''पीठ ने कहा कि प्रमाण पत्र के हिसाब से अपराध के वक्त उसकी उम्र 12 साल छह महीने थी और ‘‘इसलिए जिस अपराध के लिए उसे दोषी ठहराया गया है, उस दिन वह बालक/किशोर था.

इसे सही उम्र माना जाए, जिसके खिलाफ नारायण राम के रूप में मुकदमा चला और उसे दोषी ठहराया गया.''पीठ ने कहा कि चूंकि वह तीन साल से ज्यादा का कैद भुगत चुका है और अपराध जिस वक्त हुआ वह 2015 के कानून के तहत आता है, उसे मौत की सजा नहीं दी जा सकती है.

Advertisement

 यह भी पढ़ें : 

Featured Video Of The Day
Tel Aviv पर Houthi विद्रोहियों का मिसाइल हमला | Top 10 International News
Topics mentioned in this article