Ukraine Russia War : यूक्रेन के युद्धग्रस्त सुमी शहर में फंसे भारतीय छात्रों (Sumi State University Indian Students) के आपात संदेशों से भरे वीडियो सामने आने के बीच सरकार ने उन्हें घरों के भीतर ही सुरक्षित रहने की सलाह दी है. यह सलाह सरकार द्वारा भारतीय छात्रों के उन वीडियो के सामने आने के बाद दी गई है, जिसमें उन्होंने कहा कि वो अकेले ही रूसी सीमा की ओर जा रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा है कि दूतावास के अधिकारी लगातार इन छात्रों के संपर्क में हैं. विदेश मंत्रालय ने शनिवार को ये भी बताया कि सरकार ने रूस और यूक्रेन की सरकार से कई बार कई चैनलों के जरिये तुरंत ही ही युद्धविराम लागू करने की मांग की है, ताकि इन भारतीय छात्रों को सुरक्षित रास्ता मिल सके. सरकार की ओर से यह दावा भी किया गया है कि मंत्रालय और भारतीय दूतावास लगातार इन छात्रों से संपर्क साधे हुए हैं. गोलाबारी में घिरे ये भारतीय छात्र बेचैनी के बीच लगातार भावुक अपील सरकार से कर रहे हैं और उन्हें युद्ध क्षेत्र से बाहर निकालने की गुहार लगा रहे हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा, हमने सभी छात्रों से सुरक्षा संबंधी सभी निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है. उन्हें बंकरों औऱ शरण के अन्य स्थानों पर रहने को कहा गया है औऱ किसी भी प्रकार का जोखिम न मोल लेने की सलाह भी दी गई है.
यूक्रेन के उत्तरपूर्व शहर सुमी में फंसे भारतीय छात्रों ने कई वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि वो जोखिम लेकर रूस की सीमा की ओर बढ़ रहे हैं, जो करीब 50 किलोमीटर दूर है. इन छात्रों का कहना है कि ये सुमी में उनका आखिरी वीडियो है. ऐसे वीडियो में भारतीय छात्रों ने यह भी कहा है कि अगर उन्हें कुछ हो जाता है तो इसके लिए भारत सरकार औऱ दूतावास जिम्मेदार होगा. हालांकि दूतावास द्वारा संपर्क साधे जाने के बाद इन छात्रों ने बाद में रूसी सीमा की ओर कूच करने का अपना इरादा टाल दिया है.
सुमी स्टेट यूनिवर्सिटी के कैंपस के वीडियो में बड़ी संख्या में छात्र बर्फ के बीच दिखाई दे रहे हैं और वे सामान के साथ जाने की तैयारी कर रहे हैं. उनके हाथ में भारतीय ध्वज तिरंगा भी देखा गया. वीडियो में एक छात्र ने कहा, 'सुबह से ही हम लगातार बमबारी और गलियों में गोलाबारी की आवाजें सुन रहे हैं. हम भयभीत हैं और इंतजार करने का हमारा सब्र का बांध टूटता जा रहा है. हमने अपनी जान जोखिम में डालकर आगे बढ़ने का फैसला किया है. अगर हमारी जिंदगी को कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार और यूक्रेन में भारतीय दूतावास की होगी. यह मिशन गंगा की सबसे बड़ी असफलता होगी.'एक अन्य छात्र ने वीडियो में कहा, हमारे लिए प्रार्थना कीजिए. यह हमारा आखिरी वीडियो है.
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