सोमवार को संसद में जहां हंगामा देखने को मिला और राहुल गांधी लोकसभा में आक्रामक नजर आए, तो वहीं मंगलवार का दिन लोकसभा में काफी हल्का-पुल्का सा रहा. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) जब सदन में बोलने खड़े हुए तो उन्होंने बहुत ही शायराना अंदाज में अपनी कविताओं के जरिए सरकार पर वार किया. उन्होंने कविताएं बोलकर सरकार पर तंज कसा.
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"आवाम ने तोड़ दिया हुकूमत का गुरूर
दरबार तो लगा है पर, बड़ा गमगीन बेनूर है
क्यों ऊपर से जुड़ कोई तार नहीं
नीचे से कोई आधार नहीं
ऊपर से जो है अटकी हुई
यह कोई सरकार नहीं"
सरकार पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि कुछ बातें काल और समय से परे होती हैं. इसके साथ ही उन्होंने सदन में एक और शेर पढ़कर सुनाया.
"जो तब सही था और अब और सही साबित हो रहा है
हजूर ए आला आज तक खामोश बैठे हैं, इसी गम में
महफिल लूट ले गया, कोई जबकि सजाई हमने"
अखिलेश यादव ने अयोध्या की जीत का जिक्र करते हुए इसे देश के परिपक्व मतदाता की जीत बचाया. उन्होंने कहा कि अयोध्या की जीत हमारी मर्यादा की जीत है. उन्होंने क्या कुछ कहा.
"होई वही जो राम रचि राखा
यह है उसका फैसला
जिसकी लाठी में नहीं होती आवाज
जो करते से किसी को लाने का दावा
वो हैं खुद किसी के सहारे के लाचार"
अयोध्या की जीत से इठलाए अखिलेश यादव ने एक और शायरी लोकसभा में सुनाई, जिसमें उन्होंने भगवान श्रीराम का जिक्र किया था.
" हम अयोध्या से लाए हैं उनके प्रेम का पैगाम
जो सच्चे मन से करते हैं सबका कल्याण
सदियों में जन-जन गाता है जिनके गान
अभय दान देती उनकी मंद-मंद मुस्कान
मानवता के लिए उठता जिनका तीर-कमान
जो असत्य पर सत्य की जीत का है नाम
उफनकी नदी पर जो बांधे मर्यादा के बांध
वो हैं अवध के राजा पुरुषोत्तम श्रीराम
हम अयोध्या से लाए हैं उनके प्रेम का पैगाम"
अखिलेश यादव ने जब सदन में शायराना अंदाज में सरकार पर तंज कसा तो इसका जवाब बीजेपी सांसद संतोष पांडेय ने उनको शायराना अंदाज में ही दिया.
"जरा सा कुदरत ने क्या नवाजा
आके बैठे हो फलसफे में
तुम्हारा लहजा बता रहा है
तुम्हारी दौलत नई-नई है"