सिक्किम में मंगलवार देर रात बादल फटने (Sikkim South Lhonak Lake burst) के बाद तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ (Sikkim Flash Floods) आने से भयंकर तबाही मची है. बाढ़ की वजह से 14 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. 26 घायल बताए जा रहे हैं, जबकि 102 लोग अब भी लापता हैं. इनमें सेना के 22 जवान भी शामिल हैं. तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ ने लोगों को बचने तक का मौका नहीं दिया. बाढ़ ने 20,000 लोगों का घर बार छीन लिया है. 3000 से ज्यादा टूरिस्ट जगह-जगह फंसे हुए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर इस भीषण बाढ़ की वजह क्या थी.
सिक्किम में ज्यादा बारिश सबसे पहला कारण है, इसके अलावा ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) की वजह से अचानक तीस्ता नदी में इतना पानी समा गया कि नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया. इस बाढ़ में सिक्किम का इंफ्रास्ट्रक्चर बर्बाद हो गया. नेशनल हाईवे (NH10) भी क्षतिग्रस्त हो गया. सिक्किम के मंगन, गंगटोक, पाकयोंग, नामची जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए.
ग्राफिक्स इमेज के जरिए आप समझ सकते हैं कि सिक्किम में कैसे ये आपदा आई:-
ग्लेशियर लेक आउटबर्स्ट फ्लड क्या होता है?
ग्लेशियर लेक आउटबर्स्ट फ्लड में अचानक ही ग्लेशियल झीलों का पानी बढ़ जाता है. ग्लेशियर पिघलने की वजह से ऐसा होता है. पहाड़ी एरिया में ऐसे बहुतायत ग्लेशियर पाए जाते हैं.
तबाही और बचाव-राहत काम
सिक्किम का दक्षिण ल्होनक झील करीब 5200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. इस झील के उत्तर में लगभग 6800 मीटर की दूरी पर बर्फ से ढकी हुई विशाल झील है. बुधवार सुबह करीब 6 बजे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) से मिली सैटेलाइट इमेजरी ने आधे से अधिक झील के बह जाने का संकेत दिया.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार केंद्रीय जल आयोग के निगरानी स्टेशनों ने बताया कि पानी की प्रारंभिक वृद्धि करीब 1.30 बजे संगकलांग में अधिकतम जल स्तर से 19 मीटर ऊपर थी. यह खतरनाक खबर मिलने पर तुरंत निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया. लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. लापता लोगों की तलाश जारी है.
नदी से लगे इलाके में ही आर्मी कैंप था, जो बाढ़ की चपेट में आने के बाद बह गया और यहां खड़ी 41 गाड़ियां डूब गईं. इस तबाही में 14 पुल भी ढह गए हैं. आसपास के 4 हजार लोगों को 5 राहत शिविरों में सुरक्षित पहुंचा दिया गया है.
मंगन जिले के संगकलान और तूंग में बाढ़ के कारण फाइबर केबल लाइनें बर्बाद हो गई हैं. इससे चुंगथांग और अधिकांश उत्तरी सिक्किम में मोबाइल नेटवर्क और ब्रॉडबैंड कनेक्शन सर्विस पर असर पड़ा है.
इस दौरान सेना बेली ब्रिज बना रही है, ताकि सभी प्रभावित इलाकों तक जरूरी सामान पहुंच सके. राज्य सरकार ने सिंगतम, रंगपो, डिक्चू और आदर्श गांव सहित विभिन्न स्थानों पर राहत शिविर भी स्थापित किए हैं.
सिक्किम में बादल फटने के बाद पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग में भी बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. राज्य के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने बताया- तीस्ता बैराज से तीन शव बरामद किए गए हैं. उनकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है.
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